एक ऐसा वीर, जिन्हे दो बार उम्र कैद की सजा मिली, जिनका मुकदमा अंतराष्ट्रीय अदालत में चला …

Hero twice sentenced life imprisonment case international court: “वीर सावरकर” हम इस सवाल से खुद भी जूझ रहे थे! चलिए इसकी खोज करते है , कुछ लोग उन्हें “ वीर” कहते है! “कुछ माफी मांगने वाला” इतिहास की किताबें भी इतनी ही बँटी हुयी राय देती फिर क्या तरीका हो सकता है उनके बारे में जानने का ?

Hero twice sentenced life imprisonment case international court –

हम उनके जीवन के कार्यो को देख कर दुसरे महापुरुषों से तुलना कर सकते है! उनके वो कार्य अकाट्य सत्य है और सभी पक्ष सहमत है!

1) सावरकर का जन्म 28 मई 1883 को हुआ उनका नाम मे वीर जोड़ने की पीछे एक घटना है! जब उनके गाँव पर मुस्लिम लड़को की भीड़ ने हमला कर दिया 12 वर्ष के सावरकर ने अपने गाँव के युवाओं को इकट्ठा कर लड़ने के लिए उत्साहित किया जब तक आखरी मुस्लिम हमलावर युवक भाग नही गया!

2) सावरकर “लाल बाल पाल से” से प्रभावित थे! और बंगाल विभाजन और स्वदेशी आंदोलन में भी भाग लिया!

3) सावरकर ने “ मित्र मेला” नाम का क्रांतिकारी संगठन बनाया बाद में अभिनव भारत बनाया!

4) राष्ट्रवादी श्याम जी कृष्ण वर्मा के संपर्क में आने के बाद लंदन “ इंडिया हाउस” में रहने लगे! उन्होंने लंदन में रहे भारतीयों को क्रांतिकारी गतिविधियों से जोड़ा, अनेक लेख और जोशिले भाषणो के लिए सावरकर प्रसिद्ध हो गए!

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5) लार्ड कर्जन वायली की हत्या सावरकर के एक अनुयायी “ मदन लाल ढ़ीगड़ा” ने कर दी! उसके बाद भारत और ब्रिटेन में इस हत्या की निंदा हुई किन्तु सावरकर ने इसकी प्रशंसा और मदन लाल ढ़ीगड़ा को शहीद करार दिया! इस घटना के बाद वो अंग्रेजों की आखों में चढ़ गए!

6) सावरकर के बड़े भाई गणेश सावरकर भारत मे मार्ले मिंटो सुधार के खिलाफ विद्रोह की तैयारी कर रहे थे! ऐसे में अंग्रेजो ने उन्हें गिरफ्तार करने की योजना बनाई! किन्तु सावरकर पहले ही ब्रिटेन से पेरिश भीका जी कॉमा के घर आ गए !कितुं वहां से भी गिरफ्तार हो गए!

7) समुद्र यात्रा में वो मार्शल द्वीप के पास आते ही वो शौचालय का काँच तोड़कर खून से लथपथ हो कर भी समुद्र में कूद गए! और तैर कर मार्शल द्वीप पहुच क्योंकि यह फ्रांस का द्वीप था! अतः उन्हें गिरफ्तार करन संभव नही था! किंतु अंग्रेजों ने उन्हें फिर भी गिरफ्तार किया और बाद में इस गिरफ्तारी के खिलाफ फ्रेंच सरकार अंतराष्ट्रीय अदालत भी गयी! जिस अदालत में आज कल कुलभूषण का मामला चल रहा है! सावरकर पहले भारतीय थे जीन का मुकदमा अंतराष्ट्रीय अदालत में चला!

8) भारत आने के बाद उन्हें यरवदा जेल रखा गया और 50 वर्षों की उम्र कैद वो भी दो बार के लिए, ब्रिटिश सरकार का जितने भी देशो में राज जितने भी समय तक रहा कभी किसी को दो बार उम्र कैद की सजा नही दी गयी थी सावरकर पहले व्यक्ति थे!

9) सावरकर को अंडमान की सेलुलर जेल भेजा गया! वहां भी वो साथी कैदियों को क्राँति के लिए उत्साहित करते थे! किंतु अंडमान की काले पानी की सजा बेहद ही अमानवीय थी! कभी आप यूट्यूब पर कोई विडीओ देखिये आप के रोंगटे खड़े हो जायेगे!

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10) सावरकर ने 1911 में माफी की अर्जी दी! जो अस्वीकृत हो गयीं, फिर और कई बार दी अंत मे 1921 में उन्हें जेल से मुक्त कर दिया गया! अंग्रेजो ने सावरकर को गाँधी, नेहरू की तरह राजनैतिक कैद की सजा नही दी थी! उन्हें अपराधी कैदी के तौर पर वो भी काला पानी दिया गया था! लोगो को ये फर्क समझना होगा!

11) जेल से निकलने के बाद सावरकर पहले जैसे भड़काऊ भाषण तो नही देते थे! किंतु अभी भी अंग्रेज उनकी जासूसी करते थे, किन्तु लेख और पुस्तकें वो अभी लिखा करते थे!

12) सावरकर अब सामाजिक कार्यों में जुट गए अश्पृश्यता, और मंदिर प्रवेश के लिए आंदोलन चलाए, हिन्दू समाज को एकजुट करने के प्रयास किए, हिन्दू महासभा में शामिल हुए!

आखिर कुछ लोग सावरकर का विरोध क्यों करते है ?

लोग उन्हें अंग्रेजों के लिये काम करने वाला बोलतें है और इसके पक्ष में उनका माफ़ीनामा रखते है!

सच– क्या आप को लगता है! सावरकर जैसा व्यक्ति उस माफीनामे को गंभीरता से लेता होगा? अंग्रेजों ने महात्मा गाँधी को “ कैसर ए हिन्द” की उपाधि दी थी! क्या आप ने सोचा क्यो दी थी? आखिर क्यों अंग्रेज खुश थे गांधी जी पर? क्योंकि गाँधी जी ने भारतीयों को प्रथम विश्व युद्ध मे अंग्रेजों के लिये लड़ने के लिए अभियान चलाया था, फिर गाँधी जी के साथ भी वही बात क्यों नही जो सावरकर के साथ?

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सावरकर एक हिंदूवादी नेता थे! अंडमान से आने के बाद वो पूरी तरह हिन्दू समाज के कल्याण में लग गए “हिंदुत्व” का विचार भी उन्होंने ही दिया “सशक्त हिँदू” की परिकल्पना उनकी ही है!

क्या अपने धर्म के हित का विचार पाप है?

लोग सर सैयद और इकबाल को गर्व से बोलते है! क्या कभी उनके कारनामों पर इतनी बहस हुई कैसे सर सैयद ने अपने सम्प्रदाय के हित की ही बातें अंग्रेजो से की!

इकबाल का क्या योगदान है पाकिस्तान वनाने में ?

“चिंतन करिये और अध्ययन भी वरना लोगो ने झूठ की फैक्ट्रियां खोल रखी है”!

और देखें – क्या होगा आज अयोध्या में? क्या फिर बाबरी विध्वंस को दोहराया जायेगा ?

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