राफेल पर खुलासा: यूपीए के मुकाबले मोदी सरकार ने की बहुत सस्ती डील …

Rafale deal ki sasti upa ke mukable modi sarkaar ne: हाल ही में घोटाले की गूंज के बीच राफेल विमान के सौदे में एक नया खुलासा हुआ है! न्यूज़ की वेबसाइट आजतक के अनुसार, मोदी सरकार ने राफेल डील UPA के मुकाबले में प्रति विमान 59 करोड़ रुपये सस्ती है! कहने का तातपर्य है मनमोहन सरकार की तुलना में मोदी सरकार ने 59 करोड़ रुपये बचाए!

Rafale deal ki sasti upa ke mukable modi sarkaar ne –

आपको बता दे कि कांग्रेस सरकार की तुलना में मोदी सरकार ने इस विशेष लड़ाकू विमान की डील में देश का पैसा बचाया है! प्रत्येक विमान का सौदा 59 करोड़ रुपये सस्ता किया गया है! आजतक की खबर से मिली जानकारी के चलते, मोदी सरकार ने 36 विमानों का जो सौदा 59000 हजार करोड़ रुपये में किया है! उसी तरह की डील अगर UPA के दौरान हुई होती तो उसकी कीमत 1.69 लाख करोड़ रुपये होती! अगर अब पूरा हिसाब लगाया जाये तो मोदी सरकार ने एक विमान का सौदा 1646 करोड़ रुपये में किया! जबकि UPA में यह कीमत 1705 करोड़ रुपये थी!

पहले की तुलना में ज्यादा मजबूत है विमान

हमे आजतक से मिली जानकारी के अनुसार मोदी सरकार ने जिस विमान की डील की है वो UPA सरकार के मुकाबले काफी ज्यादा असरदार और तकनीकी रूप से अधिक सक्षम बताया जा रहा है! आपको बता दे विमान के अंदर METEOR और SCALP जैसी मिसाइलें भी हैं, जो यूपीए की डील के तहत लिए जा रहे फाइटर विमान में नहीं थीं!

Rafale Aircraft

मिली हुई जानकारी से यह भी सामने आया है मोदी सरकार ने जिस विमान की डील की है, उसमें भारत के लिए विशेष रूप से 13 चीजें बढ़ाई गई हैं, जो दूसरे देशों को नहीं दी जाती हैं!

इसी मुद्दे को लेकर, हालांकि, कांग्रेस का आरोप है कि इस नई डील में किसी भी तरह की टेक्नोलॉजी के ट्रांसफर की बात नहीं हुई है! इसलिए अचानक दाम बढ़ने की बात समझ नहीं आती है!

कांग्रेस ने लगाया था घोटाले का आरोप

मोदी सरकार को कांग्रेस राफेल डील को लेकर आवाज उठा रही है! कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गाँधी और उनके नेता मोदी सरकार पर राफेल घोटाले के आरोप लगते रहे! चाहे फिर वो सोशल मीडिया या प्रेस कॉन्फ्रेंस! हाल ही में इस डील में कांग्रेस ने दावा किया था! मोदी सरकार UPA सरकार की तुलना में तीन गुना कीमत पर राफेल खरीद रही है!

आखिर क्या है कांग्रेस का दावा ?

पूर्व रक्षामंत्री एके एंटनी ने कहा! कि कई कंपनियों से बात करने के बाद दिसंबर, 2012 में राफेल को सेलेक्ट किया गया और 126 एयरक्राफ्ट लेने की बात की गई थी! मोदी सरकार ने जिस कंपनी को ये डील दी है! उसके पास ना ही एयरक्राफ्ट बनाने का अनुभव है और ना ही लड़ाकू एयरक्राफ्ट का! इसके कारण HAL के भी कई इंजीनियरों को अपनी नौकरी हाथ से गंवानी पड़ी!

So revolting has the Rafale banter turn into that the IAF heavy hitters have in a roundabout way hopped into a sad political shred. A Rafale warrior stream. Credit: Denis Balibouse/Reuters

इतना ही नहीं बल्कि कांग्रेस ने आरोप लगाया इस डील में टेक्नोलॉजी के ट्रांसफर की कोई बात ही नहीं है! आपकी जानकारी के लिए बता दे! UPA की डील के अनुसार, 126 में से 18 एयरक्राफ्ट ही फ्रांस में बनने थे! बाकी सभी HAL के द्वारा भारत में बनने थे! उनका मानना था जब कोई सीक्रेट डील नहीं हुई तो सरकार दाम क्यों नहीं बता रही है?

कांग्रेस का ये भी दावा है! कि फ्रांस ने बिल्कुल ऐसे ही एयरक्राफ्ट मिस्र और कतर को कम दाम में बेचे हैं! तो फिर भारत के समय पर दाम अधिक कैसे हो गए! उन्होंने कहा कि नवंबर, 2016 में रक्षामंत्री ने एयरक्राफ्ट के दाम बताए थे! तो फिर अब क्यों नहीं इसके बारे में बताया जा रहा है!

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