वैसे तो शैलेश की जिंदगी आम लोगों से कई ज्यादा अलग रहे रहती है। उनका डेली रूटीन भी काफी फिक्स रहता है। वह रोजाना जिम जाते हैं, इसके अलावा को क्या खाएंगे क्या पिएंगे इसका फैसला भी उनके पर्सनल न्यूट्रीशनिस्ट लेते हैं। इसके अलावा उनका फैमिली डॉक्टर भी रहता है जो हर महीने उनके बॉडी का हर पार्ट को जांच करते हैं। नए साल की पार्टी में निक जोनास को चूमती नज़र आई प्रियंका, फिर निक ने किया कुछ ऐसा
लेकिन इतनी कड़क रूटीन के बावजूद कई सितारे ऐसे हैं जो किसी न किसी क्रॉनिक बीमारी से जूझ रहे हैं और उसे मैनेज भी करते हैं। आज की इस पोस्ट में प्रियंका के पति निक और सोनम कपूर के बारे में एक ऐसी ही बीमारी के बारे में आपको बताने जा रहे हैं जिसका नाम है टाइप वन डायबिटीज।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार सोनम को तो यह बीमारी 17 साल की उम्र से है। इस बीमारी को कंट्रोल करने के लिए सोनम को इंसुलिन भी लेना पड़ता है वहीं पिछले साल निक जोनस ने अपने इंस्टाग्राम पर पोस्ट शेयर किया था जिसमें उन्होंने अपनी इस बीमारी के बारे में जानकारी दी थी। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार निक को भी यह बीमारी 13 साल की उम्र से है।
सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रीवेंशन कैंसर डायबिटीज जिसको मधुमेह के नाम से भी कई लोग जानते हैं। यह एक क्रोनी किया नहीं लंबे समय तक रहने वाली स्वास्थ्य समस्या है या फिर बीमारी भी कह सकते हैं ।
डायबिटीज चार प्रकार के हो सकते हैं जिनमें एक है टाइप वन डायबिटीज। मधुमेह के इस प्रकार में इम्यून सिस्टम गलती से अनशन उत्पादन करने वाली पैंक्रियास की सेल को नष्ट करने लगता है जिसमें शरीर में इंसुलिन की मात्रा बिल्कुल कम या ना के बराबर हो जाती है। आमतौर पर यह समस्या बचपन में देखने को मिलती है इसीलिए इसे जूविनाइल डायबिटीज इंसुलिन डिपेंडेंट डायबिटीज कहा जा सकता है।
क्या है टाइप वन डायबिटीज के लक्षण
1.बहुत ज्यादा प्यास लगता है
2.ज्यादा बार पेशाब आता है
3.हर वक्त थकावट और सुस्ती महसूस होती है।
4.त्वचा पर अगर किसी जगह पर खरोच आती है तो वह बहुत ही धीरे-धीरे ठीक होती है ।
5.हर वक्त भूखा महसूस
6.त्वचा संक्रमण
7.मूड स्विंग होना
8.चक्कर आना
सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल के मुताबिक यह डायबिटीज छोटे बच्चों में ज्यादा दिखाई देता है। यह बीमारी बचपन में किसी को भी हो सकता है लेकिन यह अक्सर 6 से 18 साल की उम्र वाले बच्चों को ज्यादा होती है।
अब प्रश्न है कि इस डायबिटीज से किया किया परेशानियां हो सकती हैं। सीडीसी कहता है कि अगर मधुमेह को नियंत्रित नहीं किया गया तो यह दूसरी गंभीर बीमारियां विकसित होने का कारण बन सकता है जैसे कि – हार्ट अटैक, नजर का धुंधलापन, नसों को नुकसान पहुंचा सकता है ,गंभीर इंफेक्शन हो सकता है, किडनी फैलियर, दिल के रोग या फिर मोटापा का कारण भी बन सकता है।
आखिरकार इस डायबिटीज को नियंत्रण में रखने के लिए क्या-क्या स्टेप्स लेने चाहिए…
जिन्हें गंभीर मधुमेह होता उन्हे इंसुलिन इंजेक्शन भी दिए जाते हैं लेकिन कम गंभीर लोगों में जीवन शैली में बदलाव करने से डायबिटीज को कंट्रोल में किया जा सकता है।
जिनको डायबिटीज है उन को नियमित रूप से एक्सरसाइज करना चाहिए, धूम्रपान व शराब का सेवन करने से बचना चाहिए, किसी भी अधिक शुगर वाले फूड का सेवन नहीं करना चाहिए, काम मात्रा में खाना खाना चाहिए, वजन को कंट्रोल में रखना पड़ेगा इसके अलावा ब्लड शुगर बढ़ने पर डॉक्टर से तुरंत सलाह लेनी चाहिए ।