Naseeruddin Shah’s advice to people celebrating the victory of Taliban: काबुल पर तालिबान के कब्जे के बाद से वहां जिस तरह से लोगों के मौलिक अधिकारों का हनन हो रहा है, जिससे पूरी दुनिया में आशंका है कि अफगानों का जु ल्म कब खत्म होगा। हालांकि, तालिबान की जीत पर भारत में कुछ मुसलमानों द्वारा बधाई संदेश भी दिए गए। ऐसे उदाहरणों पर दिग्गज फिल्म अभिनेता नसीरुद्दीन शाह (Naseeruddin Shah) ने सलाह दी है।
तालिबान की जीत का जश्न मना रहे भारतीय मुसलमानों को सलाह देते हुए नसीरुद्दीन शाह ने कहा कि, पहले आप खुद से पूछें कि आपको अपना धर्म सुधारने की जरूरत है या वेह्शी पन। आपको बता दें कि नसीरुद्दीन शाह ने तालिबान द्वारा किए जा रहे अत्या चारों को बर्ब रता बताया है. हर मुद्दे पर मुखर राय रखने वाले नसीरुद्दीन शाह (Naseeruddin Shah) ने बुधवार को एक वीडियो जारी कर हिंदुस्तानी इस्लाम और बाकी दुनिया में इस्लाम के बीच का अंतर बताया.
नसीरुद्दीन शाह (Naseeruddin Shah) ने लोगों से सवाल पूछा है कि जो भारतीय मुसलमान तालिबान की वकालत कर रहे हैं, क्या उन्हें अपना धर्म सुधारना चाहिए या पिछली सदियों की तरह बर्ब रता के साथ जीना चाहते हैं? शाह ने वीडियो में आगे कहा कि, ‘भारत का इस्लाम हमेशा दुनिया के इस्लाम से अलग रहा है, और भगवान ऐसा समय न लाए कि यह इतना बदल जाए कि हम इसे पहचान भी न सकें।’
शाह ने यह वीडियो उर्दू में तालिबान की वापसी को लेकर बनाया था। एक क्लिप में उन्होंने (Naseeruddin Shah) कहा है कि, ‘अफगानिस्तान में तालिबान की सत्ता में वापसी जहां पूरी दुनिया के लिए चिंता का विषय है, लेकिन भारतीय मुसलमानों का एक वर्ग ऐसी बर्ब रता का जश्न मना रहा है, जो कम खतर नाक है. उन्होंने कहा कि, मैं एक हिंदुस्तानी मुसलमान हूं और जैसा कि मिर्जा गालिब ने बहुत पहले कहा था, मेरे भगवान के साथ मेरा रिश्ता अनौपचारिक है। मुझे राजनीतिक धर्म की जरूरत नहीं है।