हम सभी जानते हैं कि ब्रह्मांड अनंत है और न जाने कितने गहरे और पुरानी राज इसमें आज भी छिपे हुए हैं. दुनिया के बड़े-बड़े इंस्टिट्यूट और यूनिवर्सिटीज आज भी ब्रह्मांड के राज तलाशने में लगे हुए हैं. हम आज आपको इस लेख के जरिए ऐसी ही एक रिसर्च के बारे में बताने जा रहे हैं.
गौरतलब है कि हाल ही में हावर्ड कॉलेज ऑब्जर्वेटरी, स्मिथसोनियन एस्ट्रोफिजिकल ऑब्जर्वेटरी और द सेंटर फॉर एस्ट्रोफिजिक्स कि वैज्ञानिकों ने अपनी एक नई रिसर्च में यह खुलासा किया है कि हमारा सूर्य आने वाले 5 बिलियन वर्षों में पूरी तरह से ठंडा हो जाएगा. इसका अर्थ यह हुआ कि हमें सूर्य से जो गर्मी और रोशनी प्राप्त होती है वह मिलनी बंद हो जाएगी. हम आपको बता दें कि वैज्ञानिकों ने यह भी बताया कि सूर्य अभी मध्य अवस्था में है.
ज्ञात हो कि वैज्ञानिकों ने सूरज में हो रहे न्यूक्लियर रिएक्शन के हिसाब से इस तारीख का आकलन किया है. बता दें कि इस प्रोजेक्ट पर काम कर रहे हैं वैज्ञानिक पाओला टेस्ट ने बताया कि कैलकुलेशन न्यूक्लियर रिएक्शन के आधार पर किया गया है.
इसी कड़ी में आगे बात करते हुए पावला कहते हैं कि साल 1930 से पहले यह माना जाता था कि सूरज की शक्ति ग्रेविटेशनल फोर्स सेआती है, लेकिन वैज्ञानिकों को अब न्यूक्लियर पावर के बारे में पता है. हालांकि विज्ञान अभी भी कई सारी बातों के बारे में जान नहीं पा रहा है और विभिन्न पहलुओं की मदद से स्टडी की जा रही है.
वैज्ञानिकों ने बताया है कि हमारा सूर्य न्यूक्लियर एनर्जी के माध्यम से ही जलता है. जिस दिन उसकी न्यूक्लियर एनर्जी खत्म हो जाएगी हमारा सूर्य में खत्म हो जाएगा. वैज्ञानिकों ने यह भी कहा है कि जिस दिन हमारा सूर्य खत्म हुआ उस दिन हमारी पृथ्वी भी खत्म हो जाएगी. इसके पीछे का सबसे बड़ा कारण यह है कि पृथ्वी अपने सर्वाइवल के लिए सिर्फ सूर्य पर ही निर्भर है.