आपको बता दिया जाए कि साल 2021 अब समाप्त होने वाला है और सभी लोग नए साल का स्वागत करने के लिए काफी उत्सुक नजर आ रहे हैं। लोग नए साल का स्वागत बड़ी ही धूमधाम से करने के लिए तैयार बैठे हैं। इसके साथ ही लोगों को यह भी उम्मीद है कि भले ही उनका पिछला साल परेशानियों से भरा हुआ क्यों न हो लेकिन नया साल उनके जीवन में खुशियां लेकर आएगा।
आपको बता दिया जाए कि नए साल की शुरुआत के दिनों में ही आम जनता को महंगाई का तगड़ा झटका भी लगने वाला है। जी हां आप बिल्कुल सही सुन रहे हैं 1 जनवरी 2022 से आम लोगों को जेब का बोझ और भी बढ़ने वाला है। 2022 से कई चीजें ऐसी भी है जिस पर टैक्स और भी ज्यादा बढ़ने की संभावना जताई जा रही है। आपको बता दिया जाए कि इन चीजों में से कपड़ों से लेकर जूते,चप्पल खरीदने और ऑनलाइन खाना-पीना मंगवाने तक यह सब सभी चीजें आपको महंगा पड़ सकता है।
बढ़ेगी GST की दरे
आपको बता दिया जाए कि नया साल 2022 आम जनता की जेब का बोझ और भी बढ़ाने वाला है क्योंकि 1 जनवरी से रेडीमेड गारमेंट्स पर जीएसटी की दर 5% से बढ़कर 12% तक हो जाएगी। इसके कारण से रेडिमेड गारमेंट्स की कीमत और भी महंगी बताई जा रही है। कपड़ा व्यापारियों का ऐसा कहना है कि अगर जीएसटी में फिर बढ़ोतरी देखने को मिलती है तो इसके वजह से रिटेल कारोबार बुरी तरह से प्रभावित हो सकता है।
आपको बता दिया जाए कि जो भी लोग रेडीमेड के व्यापार से जुड़े हुए हैं। वह व्यापारी जीएसटी में इजाफा किए जाने का अब बहुत ज्यादा विरोध करते नजर आ रहे हैं। लेकिन अगर हम सरकार के इस फैसले की बात करें तो वह इसे हटाने के मूड में बिल्कुल नहीं दिखाई दे रहे हैं। इसका मतलब यही है कि अगर आप रेडीमेड गारमेंट्स की खरीदारी करते हैं तो इसके लिए नए साल से आपको और भी ज्यादा पैसे देने पड़ेंगे। इस टैक्स स्लैब में नया बदलाव 1 जनवरी 2022 से लागू होने वाला है।
सबसे ज्यादा व्यापारियों को होगी दिक्कत
आपको बता दिया जाए कि जीएसटी दर बढ़ने के कारण आम लोगों के बीच मातम छा गया है।लोगों का ऐसा कहना है कि अगर ऐसा होता है तो इसकी वजह से कपड़ों की कीमत भी बहुत हद तक बढ़ जाएगी। जिसके कारण से आम आदमी को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ेगा।
जैसा कि हम सभी जानते हैं कि कोरोना काल के वजह से सभी व्यापारियों को पहले से भी बहुत ज्यादा परेशानी झेल रहे हैं। की वजह से बाजार में काम लगभग ना के बराबर हो रहा है। ऐसी स्थिति में अगर GST में बढ़ोतरी देखने को मिलती है। तो इसकी वजह से सबसे ज्यादा परेशानी व्यापारी को ही होगी।
टैक्स स्लैब में होगा बदलाव
आपको बता दिया जाए कि आप तक जिन भी जूते -चप्पल की कीमत 1000 तक थी। उन पर 5% जीएसटी लगती हैं। परंतु इसमें लगने वाली तली, चिपकाने वाली सामग्री, कलर जैसी चीजों पर 18% टैक्स लगाया जाता था। उसकी वजह से इनपुट टैक्स क्रेडिट लेना पड़ता है।
आपको जानकारी दे दिया जाए कि कर जूते चप्पल के मामले में देखा जाए तो सरकार को सालाना तकरीबन 2000 करोड़ रुपए का रिफंड देना पड़ता है। पिछले साल जून में ही जूते चप्पल, कपड़ों और फर्टिलाइजर पर शुक्ल ढांचे में बदलाव करवाना था। लेकिन कोरोनावायरस से लागू नहीं हो सका।
महंगी पड़ेगी ऑनलाइन फूडिंग
आज के दौर में देखा जाता है कि इस कोरोनावायरस वजह से सभी लोग अपने काम ऑनलाइन ही करने लगे हैं। चाहे कोई सामान मंगवाना हो या फिर खाने का कुछ मंगवाना हो। लोग ज्यादातर ऑनलाइन ही बुक करते नजर आते हैं।अगर आप भी ऑनलाइन खाना मंगवाते हैं। तो अब आपकी जेब पर इसका भारी प्रभाव पड़ सकता है। जी हां 1 जनवरी ऑनलाइन फूड डिलीवरी एप जोमैटो और स्वीटी से आप खाना ऑर्डर कर मंगवाते हैं। तो अब कंपनियों को टैक्स भी इसकी वजह से भरना पड़ेगा
ग्राहकों से पैसे वसूलेंगी कंपनियां
आपको बता दिया जाए कि नये साल से फूड डिलीवरी एप्स पर 5% और एक्स्ट्रा जीएसटी ऐड होने वाला है। लेकिन लोगों पर इसका कोई असर नहीं नजर आ रहा है। ऐसा इसीलिए क्यों किया पहले से ही साफ किया जा चुका है कि सरकार यह टेक्स ग्राहकों से नहीं बल्कि कंपनियों से वसूल करने के लिए तैयार है।
यह तो हम सभी जानते हैं कि अगर किसी कंपनी के ऊपर सरकार की तरफ से बोझ बढ़ने लगता है तो ऐसी स्थिति में कंपनियां किसी न किसी तरीके से ग्राहकों से पैसे वसूल कर ही लेती है। यानी कि अगर आप नए साल से ऑनलाइन खाना ऑर्डर करते हैं तो इसका असर आपकी जेब पर भी पड़ेगा।