नए साल पर लगभग सभी वाहन निर्माताओं ने अपने वाहनों की कीमतों में वृद्धि की घोषणा की है, यह भी एक चलन बन गया है जहां कैलेंडर बदलते ही वाहनों की कीमतों में भी बदलाव किया जाता है। लेकिन यहां जहां ग्राहकों को नए साल में नया वाहन खरीदना महंगा पड़ेगा, वहीं एक वर्ग ऐसा भी है जहां इसका ज्यादा असर नहीं होगा.
यहां हम बात कर रहे हैं यूज्ड कार मार्केट यानी सेकेंड हैंड कार मार्केट की। सेकेंड हैंड फोर व्हीलर हो या टू व्हीलर, कोविड-19 महामारी के बाद इन दोनों की डिमांड में जबरदस्त इजाफा हुआ है। तो यहां इस बाजार को नए साल पर वाहनों के दाम बढ़ने से बड़ा फायदा होने वाला है.
जहां दुनिया भर के सभी वाहन निर्माता सेमीकंडक्टर चिप्स की कमी से जूझ रहे हैं और नए वाहनों की मांग और आपूर्ति में बड़ा अंतर आ गया है, वहीं सेकेंड हैंड बाजार के लिए भी यह एक बड़ा अवसर बनकर उभरा है। कंपनियां ग्राहकों को नए वाहनों पर लॉन्ग टर्म वेटिंग दे रही हैं, वहीं चिप की किल्लत के चलते कंपनियों को प्रोडक्शन प्लांट कई दिनों तक बंद रखने पड़ रहे हैं. इस परेशानी से बचने के लिए कई ग्राहक ऐसे हैं जिन्होंने नई कार के बजाय सेकेंड हैंड कार खरीदने का फैसला किया है।
ये कंपनियां बढ़ाएगी दाम
बिक्री के मामले में देश की सबसे बड़ी वाहन निर्माता कंपनी Maruti Suzuki से लेकर Tata Motors, Honda Cars India, Toyota Kirloskar Motors, Renault India जैसी बड़ी कंपनियों ने नए साल में कीमतें बढ़ाने का ऐलान किया है. इनके अलावा ऑडी और मर्सिडीज-बेंज इंडिया ने भी अपनी कारों की कीमतों में बढ़ोतरी का फैसला किया है। दोपहिया बाजार की दिग्गज कंपनी हीरो मोटोकॉर्प ने भी अपने दोपहिया वाहनों की कीमतों में 2,000 रुपये तक की बढ़ोतरी की घोषणा की है।