RBI Governor Y V Reddy Book Open Indian Economy Truth: कांग्रेस के शासन काल में सिर्फ 40 करोड़ रुपए के लिए हमें अपना 47 टन सोना गिरवी रखना पड़ा था. ये स्थिति थी भारतीय इकॉनमी की!
RBI Governor Y V Reddy Book Open Indian Economy Truth-
मुझे याद है नब्बे के शुरुआती दशक में भारतीय अर्थव्यवस्था को वो दिन भी देखना पड़ा जब भारत जैसे देश को अपना सोना विश्व बैंक में गिरवी रखना पड़ा था !
• राजीव गान्धी के शासन का में देश की तिजोरी खाली हो चुकी थी! और तभी प्रधान मंत्री राजीव गाँधी की हत्या लिट्टे के आतंकियों ने कर दी थी !
चन्द्रशेखर तब नए नए प्रधान मंत्री बने थे ! सरकार की तिजोरी खाली थी! वे घबरा गए! करें तो क्या करें!
Reddy लिखते हैं कि पुरे देश में एक तरह का निराशा भरा माहौल था
- राजीव शासनकाल ने कोई रोज़गार नहीं दिया था!
- नया उद्योग धन्धा नहीं!
- एक बिजनेस डालने जाओ तो पचास जगह से NOC लेकर आना पड़ता था!
- कांग्रेस द्वारा स्थापित लाइसेंस परमिट के उस दौर में चारों तरफ बेरोज़गारी और हताशा का अलाम था!
दूसरी तरफ देश में मंडल और कमंडल की लड़ाई छेड़ी हुई थी! 80 से 90 के दशक तक देश में कांग्रेस ने Economy को ख़त्म कर दिया था! उसी दौरान बोफोर्स तोपों में दलाली का मामला सामने आया!
किताब में Reddy लिखते हैं कि गाँधी परिवार की अथाह लूट ने देश की अर्थ व्यवस्था को रसातल में पंहुचा दिया! Reddy अपनी किताब में लिखते हैं कि उन दिनों भारत का विदेशी मुद्रा भंडार इतना कम हो गया था! कि रिजर्व बैंक ऑफ़ इंडिया ने अपना सोना विश्व बैंको में गिरवी रखने का फैसला किया! हालात ये हो गए थे कि देश के पास तब केवल 15 दिनों का आयात करने लायक ही पैसा था!
*स्थिति कितनी भयानक थी इसका अंदाजा आप इस बात से लगा लीजिये की भारत के पास तब केवल 1.1 अरब डालर का ही विदेशी मुद्रा भंडार बचा हुआ था!.* तब तत्कालीन प्रधान मंत्री चन्द्रशेखर के आदेश से भारत ने 47 टन सोना बैंक ऑफ़ इंग्लैंड में गिरवी रखा था!
RBI को बैंक ऑफ़ इंग्लैंड में 47 टन सोना पहुचना था
RBI Governor Reddy लिखते हैं कि उस समय भी एक दिलचस्प और भारतीय जनमानस को शर्म सार करने वाली घटना घटी! हुआ यह कि RBI को बैंक ऑफ़ इंग्लैंड में 47 टन सोना पहुचना था! ये वो दौर था जब मोबाइल तो होते नहीं थे और लैंड लाइन भी सिमित मात्रा में हुआ करती थी!
RBI Ex Governor Reddy अपनी किताब में लिखते हैं! कि नयी दिल्ली स्थित RBI का इतना बुरा हाल था! की बिल्डिंग से 47 टन सोना नयी दिल्ली एयर पोर्ट पर एक वैन द्वारा पहुंचाया जाना था! वहां से ये सोना इंग्लैंड जाने वाले जहाज पर लादा जाना था!
लेकिन 90 के दशक में भारतीय प्रशासनिक व्यवस्था और RBI कितनी लचर स्थिति में थी! इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि 47 टन सोना लेकर एक बेहद पुरानी RBI की निजि वैन महज़ 2 सुरक्षा गार्ड्स के साथ एयर पोर्ट पर भेजी गयी थी! उसके दो टायर आधे रास्ते में ही पंचर हो गए!
टायर पंचर होते ही उन 2 सुरक्षा गार्ड्स ने उस 47 टन सोने से भरी वैन को घेर लिया! खैर बड़ी मशक्कत के बाद ये 47 टन सोना इंग्लैंड पहुँचा और ब्रिटेन ने भारत को 40.05 करोड़ रुपये कर्ज़ दिये!
इस घटना का वर्णन तबके RBI गवर्नर रहे Y.V रेड्डी ने अपनी पुस्तक ADVISE AND DECENT में किया है !
भारतीय अर्थ व्यवस्था से जुड़ी इस पुरानी मन को दुखी करने वाली घटना का उदाहरण मैंने इस लिए दिया ताकि लोगों को पता चले! कि कांग्रेस के जो बेशर्म नेता मोदी के ऊपर देश की अर्थ व्यवस्था चौपट करने का इल्जाम लगाते हैं! *उस महान गाँधी परिवार की अय्याशी की वजह से ही देश को अपना सोना महज़ 40 करोड़ का कर्ज पाने के लिए गिरवी रखना पड़ा था* किसी देश के लिए इससे ज्यादा अपमान और शर्म की बात क्या हो सकती है!
मुझे बेहद हँसी, हैरानी और गुस्सा आता है जब देश को महज़ 40 करोड़ रुपये के लिए गिरवी रखने वाले लोग कहते हैं कि मोदी ने भारत की अर्थ व्यवस्था को बर्बाद कर दिया!
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श्री प्रकाश बियाणी जी(स्टेट बैंक के पूर्व राजभाषा अधिकारी एवं दैनिक भास्कर, दिव्य भास्कर आदि समाचार पत्रों के नियमित लेखक) की कलम से!
*हिंदुस्तान के 70 साल के इतिहास में, सिर्फ 3 साल ऐसे हैं! जिसमे हिंदुस्तान ने वर्ल्ड बैंक से एक रुपये का भी कर्ज नही लिया।* …..और वो तीन साल हैं!
2015-16, 2016-17, 2017-18
*और हाँ ये तीनों साल चायवाले की सरकार में ही आते हैं!*
Source: https://www.facebook.com/groups/Vote4BJP.Group/permalink/1398848620272607/
और देखें – एशिया कप जिताने के लिए अगले मैचों के लिए आ रहे ये तीन बड़े खिलाडी …