God Ram Family Offspring: हमारे देश में धर्म और संस्कृति कभी खत्म नहीं हो सकती इसी वजह से आज भी नई पीढ़ियां भी उसी धर्म और संस्कृति को लेकर चल रही है! आपको बता दे की हमारे देश में लोग सभी देवी देवताओ की पूजा-पाठ करते है! बस हर किसी के रीती रिवाज अलग-अलग है! इन्ही देवता में से एक है श्री राम! अगर आप लोगो को प्राचीन ग्रंथो के बारे में जानकारी है तो आप लोगो को बता श्री राम भगवन विष्णु के दस अवतारों में से एक है!
God Ram Family Offspring-
आप लोगो पता ही होगा श्री राम का पूरा जीवन काल महाकाव्य रामायण में वर्णित है! महाकाव्य रामायण की रचियता पराकर्मी महर्षि वाल्मीकि ने की! और वही दूसरी बड़ा महाकाव्य श्री रामचरितमानस की रचना तुलसीदास ने की थी! श्री राम को उत्तर भारत में एक विशेष दर्जा प्राप्त है! श्री राम के लिए परुषोत्तम शब्द का उपयोग किया जाता है यानी परुषो में सबसे उत्तम!
वैसे तो हमारे बड़े-बुजुर्ग हमे परुषोत्तम श्री राम जी के बारे में बताते आये है! और स्कूलों में भी काफी कुछ बताया जाता है कि श्री राम की जन्मभूमि अयोध्या है! महाराज दशरथ के सबसे बड़े पुत्र थे! और इनके तीन भाई और भी थे! फिर माता सीता से इनके विवाह के उपरांत इन्हे वनवास भेज दिया गया! वनवास खत्म कैसे हुआ ये सब जानते ही है! रावण की मृत्यु के उपरांत श्री वापस आकर अयोधया में राज किया!
जयपुर में रहता ये शाही परिवार-
वही दूसरी जब श्री राम अयोध्या में राज कर रहे थे! तो उनके अपने लव-कुश मिलने को मिला! ये तो थी वे बाते जो लगभग हर कोई जनता ही होगा! परन्तु क्या कभी सोचा है कि इन सब घटना के बाद भी श्री राम जी का वंश आगे बढ़ा? जी हां ये बिलकुल सत्य है जिस तरह से एक आम इंसान की पीढ़ी दर पीढ़ी बढ़ती रहती है ठीक उसी प्रकार भगवन राम जी की पीढ़ी भढ़ती रही! हम आपको इस पोस्ट के माध्यम से उनके वंशज से मिलाने जा रहे है! आज भी उनका वंशज उसी शान शौकत से जयपुर में रह रहा है!
देश की आजादी के मिलने के बाद भी आज भी राजशाही बरक़रार है! ठीक उसी तरह जिस तरह पुराने समय राजा-महाराजा हुआ करते थे! श्री राम का ये परिवार भी राजशाही परिवार हो और राजाओ की तरह जीता है! आज भी लोग इन्हे राजा ही मानते है!
हम जिस के बारे में बात कर रहे एक इंग्लिश चैनल में दिए गए इस परिवार एक इंटरव्यू से पता चला था कि श्री राम जी के वंशज है!
अभी यही खत्म नहीं हुआ बल्कि बताया गया है कि श्री राम जी के पुत्र कुश के वंशज है! वे राजिस्तान में स्तिथ जयपुर के पूर्व महाराज श्री बावनी सिंह के 309वे वंशज है! आज के घोर कलयुग में भी प्राण जाये पर वचन ना जाये इसी रीत को अपनाते है!
उम्मीद करते है आज की ये खाश पोस्ट आप लोगो को पसंद आयी हो!