Woman Delivery Time Fraud Doctors: एक स्वस्थ बच्चे को जन्म देना हर माँ का सपना होता है और इसी चाहत में वो प्रसव के दौरान डॉक्टर्स की बताई हुई हर बात को पत्थर की लकीर समझ कर मानती है क्योंकि उसे लगता है ये उसके Children के लिए Right है! वैसे देखा जाये तो बच्चे के जन्म के वक्त हर मां चाहती है कि उसकी Normal Delivery हो।
Woman Delivery Time Fraud Doctors-
लेकिन कई बार Critical Condition होने पर डॉक्टर सीजेरियन की सलाह देते हैं तो कभी कभी Doctors अपना समय बचाने के लिए भी सिजेरियन Delivery का सुझाव दे देते है जो बिलकुल भी सही नहीं है |
अभी हाल ही में वर्ल्ड हेल्थ आर्गेनाईजेशन (WHO) की एक रिपोर्ट सामने आई है जो इस Cesarean Delivery को लेकर काफी हैरान करने वी है दरअसल WHO की इस रिपोर्ट के मुताबिक Delivery के वक्त Doctors मरीज से Fraud करते हैं उन्हें सुरक्षा का भरोसा देकर अपना फायदा उठाते है!
उन्हें लगता है कि Normal Delivery करने में ज्यादा समय बर्बाद होता है इसलिए cesarean operation कर दो। यही वजह है कि पिछले दस सालों में सीजेरियन डिलिवरी में दोगुनी बढ़ोत्तरी हुई है।
महिलाओं की Natural Delivery से बड़ी छेड़छाड़ है
WHO की रिपोर्ट में कहा गया कि डॉक्टर्स बड़े पैमाने पर Oxytocin नाम की एक दवा का यूज सीजेरियन डिलिवरी के दौरान करते हैं। जो महिलाओं की Natural Delivery से बड़ी छेड़छाड़ है।
इस दवा का बुरा Effect महिलाओं की Health पर पड़ता है। WHO ने साल 2015 में अपनी एक रिपोर्ट में कहा था कि अगर Cesarean Delivery की दर 10 परसेंट से ज्यादा है तो ये ठीक नहीं है।
भारत में Cesarean Delivery का आंकड़ा 8.5 परसेंट
नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे की तीसरी रिपोर्ट (2005-06) के मुताबिक भारत में cesarean delivery का आंकड़ा 8.5 परसेंट था जो साल 2015-16 में बढ़कर 17.2 % हो गया। ये cesarean delivery के जरिए दोगुनी बढ़ोत्तरी को दिखाता है।
आपको बता दे की cesarean का असर पैदा होने बच्चे के सेहत पर बुरा असर डालता है जबकि महिलायें इस बारे में बिलकुल भी जागरूक नहीं होती है जिन बच्चों का जन्म Normal method से नहीं होता उनका जन्मनाल के सम्पर्क में नहीं आ जाता है, जिसके कारण उसमें जीवाणु अणुओं के साथ Contact में न आने की वजह से उसकी Immunity कम हो जाती है। ऐसी एक नहीं बल्कि कई अन्य समस्याएं भी होती हैं।
प्रसव होने के बाद महिला का शरीर अंदर से काफी कमजोर हो जाता है
Cesarean Delivery होने के बाद महिला का शरीर ज्यादा कमजोर हो जाता है और Normal डिलीवरी की बजाए दो गुना खून बहता है। नॉर्मल प्रसव से सिर्फ Pain होता है लेकिन Operation से प्रसव होने के बाद महिला का शरीर अंदर से काफी कमजोर हो जाता है जो जीवनभर की समस्या बन जाती है।
पिछले कुछ सालों में cesarean delivery के मामलों में खासी बढ़ोतरी हुई है. न सिर्फ विदेशों में बल्कि अब भारत में भी Normal यानी कि Natural तरीके से बच्चे़ पैदा करने के बजाए ऑपरेशन को तरजीह दी जाने लगी.
यही नहीं अब तो कई बार Doctors पहले से ही Normal Delivery में दिक्क्त की बात कहकर cesarean delivery करवाने के लिए कह देते हैं.
नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे (NHFS) की हाल में जारी चौथी रिपोर्ट (2015-16) में cesarean (ऑपरेशन) के जरिए होने वालों बच्चों का फीसदी 17.2 दर्शाया गया, जबकि तीसरी रिपोर्ट (2005-06) में यह आंकड़ा 8.5 फीसदी था. करीब एक दशक में cesarean delivery में हुई दोगुना वृद्धि चौंका देने वाली है.
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