Nehru Full Life Truth Viral: हेल्लो दोस्तों ! आज हम आपको बताएंगे भारत के पहले प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू (Ist PM Nehru) के बारे में! जो हम आज आपको बताएंगे वो शायद ही आपने सूना होगा! पहले थोड़ा सा पीएम जवाहर नेहरू के बारे में जान लेते है!
Nehru Full Life Truth Viral-
पूरा नाम – जवाहरलाल मोतीलाल नेहरु (Jawahar Lal Nehru, 1st PM)
जन्म – 14 नवम्बर 1889 (14 NOV, 1889)
जन्म स्थान – इलाहाबाद (उत्तर प्रदेश) (Allahabad, Utter-Pradesh)
पिता – मोती लाल नेहरु (Moti Lal Nehru)
माता – स्वरूपरानी नेहरु (Swarooprani Nehru)
शिक्षा – 1910 में केब्रिज विश्वविद्यालय के ट्रिनटी कॉलेज (Trinity Collage, Cambridge University) से उपाधि संपादन की! 1912 में ‘इनर टेंपल’ इस लंडन कॉलेज से बॅरिस्टर (Barrister) की उपाधि संपादन की!
विवाह – कमला के साथ (1916 में) (Wife Kamla Nehru)!
जवाहरलाल नेहरु (India 1st Prime Minister, J.L Nehru) भारत के प्रधानमंत्री और स्वतंत्रता के पहले और बाद में भारतीय राजनीती के मुख्य केंद्र बिंदु थे! वे महात्मा गांधी (Mahatama Gandhi) के सहायक के तौर पर भारतीय स्वतंत्रता अभियान के मुख्य नेता थे जो अंत तक भारत को स्वतंत्र बनाने के लिए लड़ते रहे और स्वतंत्रता (Independence) के बाद भी 1964 में अपनी मृत्यु तक देश की सेवा की! उन्हें आधुनिक भारत (Modern India) का रचयिता माना जाता था!
वे मोतीलाल नेहरु (Motilal Nehru) के बेटे थे, जो एक महान वकील (Advocate) और राष्ट्रिय समाजसेवी थे। नेहरु ट्रिनिटी विश्वविद्यालय, कैंब्रिज से स्नातक (Graduate) हुए। जहा उन्होंने ने वकीली का प्रशिक्षण लिया और भारत वापिस आने के बाद उन्हें इलाहाबाद उच्च न्यायालय (Allahabad High Court) में शामिल किया गया। लेकिन उन्हें भारतीय राजनीती (Indian Politics) में ज्यादा रुचि थी और 1910 के स्वतंत्रता अभियान में वे भारतीय राजनीति में कम उम्र में ही शामिल हो गये।
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1920 में भारतीय राष्ट्रिय कांग्रेस (Indian National Congress) में शामिल होकर उनके महान और प्रमुख नेता बने, और बाद में पूरी कांग्रेस पार्टी (Congress Party) ने उन्हें एक विश्वसनीय सलाहकार माना, जिनमे गांधीजी भी शामिल थे।
1929 में कांग्रेस (Congress) के अध्यक्ष पंडित जवाहरलाल नेहरु ने ब्रिटिश राज (British Empire) से सम्पूर्ण छुटकारा पाने की घोषणा की और भारत को पूरी तरह से स्वतंत्र राष्ट्र बनाने की मांग की।
नेहरु (J.L Nehru) और कांग्रेस ने 1930 में भारतीय स्वतंत्रता अभियान (Indian Independence Campaign) का मोर्चा संभाला ताकि देश को आसानी से आज़ादी दिला सके। उनके सांप्रदायिक भारत की योजना (Scheme) को तब सभी का सहयोग मिला जब वे राष्ट्रिय कांग्रेस (Congress) के मुख्य नेता थे।
इस से अलग हुई मुस्लिम लीग (Muslim League) बहोत कमजोर और गरीब बन चुकी थी। उनके स्वतंत्रता के अभियान को तब सफलता मिली जब 1942 के ब्रिटिश भारत छोडो अभियान (Quit India Movement) में ब्रिटिश बुरी तरह से पीछे रह गये और उस समय कांग्रेस को देश की सबसे सफल और महान राजनितिक संस्था माना गया था।
मुस्लिमो की बुरि हालत को देखते हुए मुहम्मद अली जिन्नाह (Mohammad Ali Jinnah) ने मुस्लिम लीग का वर्चस्व पुनर्स्थापित किया। लेकिन नेहरु और जिन्नाह का एक दुसरे की ताकत बाटने का समझौता असफल रहा और आज़ादी के बाद 1947 में ही भारत का विभाजन (Partition) किया गया।
1941 में जब गांधीजी ने नेहरु को एक बुद्धिमान (Intelligent) और सफल नेता (Successful Leader) का दर्जा दिया था उसी को देखते हुए आज़ादी के बाद भी कांग्रेस (Congress) ने उन्हें ही स्वतंत्र भारत के पहले प्रधानमंत्री के रूप में चुना। प्रधानमंत्री बनने के बाद ही, उन्होंने नवीन भारत बनाने के (Creating New India) सपने को साकार करने के प्रयास किये।
1950 में जब भारतीय कानून (Indian Law Rules) के नियम बनाये गये, तब उन्होंने भारत का आर्थिक, राजनितिक, सामाजिक विकास शुरू किया। विशेषतः उन्होंने भारत को एकतंत्र से लोकतंत्र (Democracy) में बदलने की कोशिश की, जिसमे बहोत सारी पार्टिया (All Parties Established India) हो जो समाज का विकास करने का काम करे। तभी भारत एक लोकशाही राष्ट्र बन पायेगा।
विदेश निति में जब वे दक्षिण एशिया (South Asia) में भारत का नेतृत्व कर रहे थे तब भारत को विश्व विकास (World Development) में अभिनव को दर्शाया।
नेहरु की नेतागिरी में कांग्रेस (Congress) देश (India) की सबसे सफल पार्टी थी जिसने हर जगह चाहे राज्य हो या लोकसभा हो विधानसभा हो हर जगह अपनी जीत का परचम लहराया था। लगातार 1951, 1957, 1962 के चुनावो में जित (J.L Nehru Time Period) हासिल की थी।
उनके अंतिम वर्षो में राजनितिक दबाव (1962 के India-China युद्ध में असफलता) के बावजूद वे हमेशा ही भारतीय लोगो के दिलो में बसे रहेंगे। भारत में उनका जन्मदिन “बालदिवस” (14 November) मनाया जाता है।
पंडित जवाहरलाल नेहरु उर्फ़ चाचा नेहरु (Pt. J.L Nehru) ने अपने जीवन में कभी हार नहीं मानी थी। वे सतत भारत को आज़ाद भारत बनाने के लिए ब्रिटिशो (British Empire) के विरुद्ध लड़ते रहे। एक पराक्रमी सफल नेता साबित हुए। वे हमेशा गांधीजी (Mahatma Gandhi) के आदर्शो पर चलते थे। उनका हमेशा से यह मानना था की,
एक नजर में जवाहरलाल नेहरु की जानकारी – Jawaharlal Nehru in Hindi
1912 में इग्लंड (Englnd) से भारत आने के बाद जवाहरलाल नेहरु इन्होंने अपने पिताजी ने ज्यूनिअर बनकर इलाहाबाद उच्च न्यायालय (High Court) में वकील (Advocate) का व्यवसाय शुरु किया।
1916 में राजनीती (Politics)का कार्य करने के उद्देश से पंडित नेहरू ने गांधीजी से मुलाकात की। देश की राजनीती में भारतीय स्वतंत्र आंदोलन (Indian independence movement) में हिस्सा लिया जाये, ऐसा वो चाहते थे।
1916 में उन्होंने डॉ. एनी बेसेंट (Dr. Annie Besant) इनके होमरूल लीग में प्रवेश किया। 1918 में वो इस संघटने के सेक्रेटरी (Secretary) बने। उसके साथ भारतीय राष्ट्रीय कॉग्रेस (Indian National Congress) के कार्य में भी उन्होंने भाग लिया।
1920 में महात्मा गांधी ने शुरु किये हुये असहयोग आंदोलन (Non-cooperation movement) में नेहरूजी शामील हुये। इस कारण उन्हें छह साल की सजा हुयी।
1922 – 23 में जवाहरलाल नेहरूजी इलाहाबाद नगरपालिका (Municipality, Allahabad) के अध्यक्ष चुने गये।
1927 में नेहारुजीने सोव्हिएल युनियन (Sovil Union) से मुलाकात की। समाजवाद (Socialism) के प्रयोग से वो प्रभावित हुये और उन्ही विचारोकी ओर खीचे चले गए।
1929 में लाहोर (Lahore, Present Pakistan) में राष्ट्रिय कॉग्रेस के ऐतिहासिक अधिवेशन के अध्यक्ष चुने गये इसी अधिवेशन (Session) में कॉग्रेस ने पुरे स्वातंत्र्य की मांग की इसी अधिवेशन भारतको स्वतंत्र बनानेका निर्णय लिया गया इसके बाद ‘संपूर्ण स्वातंत्र्’ (Complete Freedom) का संकल्प पास किया गया।
यह फैसला पुरे भारत मे पहुचाने के लिए 26 जनवरी 1930 (26 January, 1930) यह दिन राष्ट्रीय सभा में स्थिर किया गया। हर ग्राम (Village) में बड़ी सभाओ का आयोजन किया गया। जनता ने स्वातंत्र्य के लिये लढ़ने की शपथ ली इसी कारन 26 जनवरी (Important Day, 26 January) यह दिन विशेष माना जाता है।
1930 में महात्मा गांधी जी ने सविनय अवज्ञा आंदोलन (Civil disobedience movement) शुरु किया जिसमे नेहरुजीका शामील होना विशेष दर्जा रखता था।
1937 में कॉग्रेस ने प्रातीय कानून बोर्ड (State Law Board) चुनाव लढ़ने का फैसला लिया और बहुत बढ़िया यश संपादन किया जिसका प्रचारक भार नेहरु जी पर था।
1942 के ‘चले जाव’ आंदोलन को भारतीय स्वातंत्र्य आंदोलन (Indian Independence Movement) में विशेष दर्जा है। Congress ने ये आंदोलन शुरु करना चाहिये इस लिये गांधी जी के मन का तैयार करने के लिए पंडित नेहरु आगे आये। उसके बाद तुरंत सरकार ने उन्हें गिरफ्तार करके अहमदनगर (Ahmednager, Gujrat) के जैल कैद किया। वही उन्होंने ‘ऑफ इंडिया’ (All India, Book) ये ग्रंथ लिखा।
1946 में स्थापन हुये अंतरिम सरकार ने पंत प्रधान के रूप नेहरु (Pt J.L Nehru) को चुना। भारत स्वतंत्र होने के बाद वों स्वतंत्र भारत के पहले पंत प्रधान (1st Prime Minister) बने। जीवन के आखीर तक वो इस पद पर रहे। 1950 में पंडित नेहरु ने नियोजन आयोग (Planning Commission) की स्थापना की।
PT . Jawahar lal Nehru Book – पंडित जवाहरलाल नेहरू की क़िताबे:
आत्मचरित्र (1936) (Autobiography)
दुनिया के इतिहास का ओझरता दर्शन (1939) (Glimpses World History).
भारत की खोज (1946) (The Discovery India) आदी।
PT. Jawaharlal Nehru Award – पंडित जवाहरलाल नेहरू के पुरस्कार:
1955 में भारत का सर्वोच्च नागरी सम्मान (Highest Civilian Honor) ‘भारत रत्न’ पंडित नेहरु को देकर उन्हें सम्मानित किया गया।
PT. Jawahar lal Nehru – पंडित जवाहरलाल नेहरू के बारे में विशेष बातें:
आधुनिक भारत के शिल्पकार। पंडित नेहरु के जन्मदिन 14 नवम्बर को ‘बालक दिन’ (Children Day, 14 Nov) मनाया जाता है।
PT. Jawahar lal Nehru Death – पंडित जवाहरलाल नेहरू की मृत्यु: 27 मई 1964 (27 May, 1964) को यह महापुरुष सदा के लिये चला गया।
आधुनिक भारत निर्माता एवं विश्व शांति के अग्रदूत पंडित जवाहरलाल नेहरु (PT. J.L Nehru) का नाम सदैव इतिहास में अमर रहेगा।
PT. Jawahar lal Nehru slogans Hindi
संकट के समय हर एक छोटी चीज मायने रखती हैं.
नागरिकता देश के सेवा में निहित हैं.
अब एक ऐसा सच जिससे आप अनजान हो
नेहरू को लॉर्ड माउंटबेटन (Lord Mountbetten) की पत्नी एडविना माउंटबेटन से इश्क था. मशहूर पत्रकार कुलदीप नैयर (Kuldeep Naiyer) ने कहा था कि जब वो ब्रिटेन में भारत के उच्चायुक्त थे तब उनको पता चला कि एयर इंडिया की फ़्लाइट (Flight, Air India) से नेहरू रोज़ एडविना को पत्र भेजा करते थे. एडविना उसका जवाब देती थीं और उच्चायोग का आदमी उन पत्रों को एयर इंडिया के विमान (Plane, Air India) तक पहुंचाया करता था.
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