Govt bans isis anti terror law: सरकार ने कठोर आतंकवाद रोधी कानून- गैर कानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम के तहत आतंकी संगठनों – अलकायदा और ISIS के नए संगठनों पर प्रतिबंध लगा दिया है.
आधिकारिक आदेश के अनुसार गृह मंत्रालय ने अलकायदा इन Indian subcontinent (AQIS) और ISIS के अफगानिस्तान आधारित संगठन Islamic State of Iraq and शाम खुरासन (ISIS – K) को गैर कानूनी घोषित कर दिया है.
Govt bans isis anti terror law
भारतीय उपमहाद्वीप में भारतीय हितों के खिलाफ आतंकी
आदेश में कहा गया है कि ISIS – K को इस्लामिक स्टेट इन खुरासन Province (ISKP)/ISIS विलायत खुरासन के रूप में भी जाना जाता है. इसमें कहा गया है कि अलकायदा से जुड़ा संगठन AQIS एक आतंकवादी संगठन है जिसने पड़ोस के देशों में आतंकी कृत्यों को अंजाम दिया है और भारतीय उपमहाद्वीप में भारतीय हितों के खिलाफ आतंकी कृत्यों को बढ़ावा तथा प्रोत्साहन देता रहा है.
आई एस आई एस विलायत खुरासन भी भारतीय उपमहाद्वीप
आदेश में कहा गया है कि यह कट्टरपंथ फैलाने और भारत से युवाओं की भर्ती के प्रयास करता रहा है और संगठन को गैर कानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम के तहत प्रतिबंधित संगठन घोषित किया गया है. इसमें कहा गया है कि ISKP/ISIS विलायत खुरासन भी भारतीय उपमहाद्वीप में आतंकवाद को बढ़ावा तथा प्रोत्साहन दे रहा है.
युवाओं की भर्ती कर अपनी स्थिति मजूबत करने
आदेश में कहा गया है कि यह संगठन ‘वैश्विक जिहाद’ के लिए युवाओं की भर्ती कर अपनी स्थिति मजूबत करने तथा लोकतांत्रिक रूप से निर्वाचित सरकारों को उखाड़ फेंक अपना खुद का ‘Khalifa’ स्थापित करने का उद्देश्य हासिल करने के लिए आतंकी कृत्यों को अंजाम देता रहा है.
इन दोनों संगठनों को आतंकी संगठन घोषित किया जाता
गृह मंत्रालय के आदेश में कहा गया है कि संगठन (अब प्रतिबंधित) भारत तथा भारतीय हितों को अपना निशाना मानता है और आतंकी गतिविधियों के लिए भारतीय युवाओं को कट्टरपंथी बनाने तथा उनकी भर्ती करने जैसी गतिविधियों में लगा है.
आदेश में कहा गया है कि इन दोनों संगठनों को आतंकी संगठन घोषित किया जाता है क्योंकि ये आतंकी गतिविधियों के लिए भारत से युवाओं की भर्ती कर रहे थे.
गैर कानूनी गतिविधि रोकथाम कानून
इसमें कहा गया है कि युवाओं का चरमपंथ की जद में आना राष्ट्रीय सुरक्षा और अंतरराष्ट्रीय शांति के लिए गंभीर चिंता का विषय है. गैर कानूनी गतिविधि रोकथाम कानून में प्रतिबंधित संगठनों और उनके सदस्यों से निपटने के लिए कठोर प्रावधान हैं.