Modi government bring Malaysia: बीते साल भारत सरकार ने से विवादित इस्लामिक धर्म गुरू जाकिर नाइक के प्रत्यर्पण की मांग की थी।लेकिन अभी तक यह पूरा नहीं हो सका है. और नाईक अभी भी मलेशिया में रह रहे हैं.
अब इस मामले में विदेश मंत्रालय (MEA) के प्रवक्ता रवीश कुमार ने जाकिर नायक के प्रत्यर्पण का ब्योरा दिया है. उन्होने कहा है कि भारत और मलेशिया के बीच एक प्रत्यर्पण सम्झौता है. इस समझौते के तहत हमने मलेशिया की सरकर से कहा है और हम अभी उनके जवाब का इंतिज़ार कर रहे हैं.
Modi government bring Malaysia
फ़िर मुसीबत में फंसे जाकिर नाइक…
आप को बता दें कि दोनो देशों के बीच प्रत्यर्पण संधि फरवरी, 2011 से लागू है. इसमें साफ तौर पर कहा गया है कि दोनो देश जांच agencies वांछित व्यक्तियों के प्रत्यर्पण की मांग एक दूसरे से कर सकती हैं. साथ ही सरकार को यह भी देखना होगा कि इस वजह से मलेशिया के साथ उसके द्विपक्षीय रिश्तों पर कोई उल्टा असर नहीं पड़े.
अप्रैल, 2017 में मलेशिया के PM नाजिब रजाक भारत दौरे पर आये थे. तब दोनो देशों के बीच जो बातचीत हुई थी उसमें आतंकवाद एक बड़ा मुद्दा था. भारत की लुक ईस्ट नीति के तहत भी मलेशिया का अहम महत्व है. इन सभी मुद्दों को ध्यान में रख कर ही भारत का अगला कदम उठेगा.
नाइक के प्रत्यर्पण की मांग की है…
हम आप को बता दें कि Dr. ज़ाकिर नाइक पर नवजवानों को जिहाद के नाम पर भड़काने का आरोप है. इस मामले में विदेश मंत्रालय ने मलयेशिया की authorities से नाइक के प्रत्यर्पण की मांग की है. सूत्रों की मानें तो NIA ने नाकइ के खिलाफ सबूत इकट्ठा करने से लेकर चार्जशीट फाइल करने तक की लगभग सभी औपचारिकताएं पूरी कर ली हैं. भारत की इस मांग को लेकर कुआलालम्पुर कोर्ट को फैसला करना है.