केवल बस चार दिन में ही कुमारस्वामी के पलट गए तेवर, जनता से पहले कांग्रेस है माईबाप, कर्नाटक की जनता का भड़का गुस्सा…

CM Kumarswamy Statement: केवल बस चार दिन में ही कुमारस्वामी के पलट गए तेवर, जनता से पहले कांग्रेस है माईबाप, कर्नाटक की जनता का भड़का गुस्सा… कर्नाटक चुनाव के नतीजों के बाद सबसे बड़ी पार्टी बनकर BJP उभरी और CONG के गढ़ को ध्वस्त किया. लेकिन संविधान की ताक़त देखिये 104 सीट वाली पार्टी विपक्ष में बैठेगी और 39 सीट वाली JDS CONG के साथ मिलकर सरकार चलाएगी. मतलब CONG और BJP के अलावा जिसको वोट देंगे वो घूम कर कांग्रेस में ही जाएगा. तो वहीँ अब 23 मई को karnataka के CM कुमारस्वामी बने और ठीक 4 दिन बाद ही उन्होंने अपने किये हुए वादों को लेकर तेवर बदल लिए.

Rahul remember statement Kumaraswamy

CM Kumarswamy Statement-

अभी मिल रही बड़ी खबर के मुताबिक कर्नाटक चुनाव में मात्र 39 सीट लेने वाली JDS को जनता ने बुरी तरह नकार दिया. इससे CM कुमारस्वामी अब जनता से खीजे हुए हैं. उन्होंने किसान कर्जमाफी के अपने वादे पर ज़बरदस्त यू टर्न ले लिया है. HD कुमारस्वामी के भीतर सरकार को लेकर वह आत्मविश्वास नहीं दिखाई दे रहा है, जो एक स्वतंत्र सरकार के CM में दिखाई देता है. उनके सीएम बनते ही जैसे ही पत्रकारों ने किसान कर्जमाफी के फैसले पर उनसे जवाब माँगा तो देखिये कुमारस्वामी ने क्या विवादित बयान दे दिया है.

जनता के आशीर्वाद से नहीं बल्कि CONG के रहमोकरम से बना हु मुख्यमंत्री-

पत्रकारों के किसान कर्जमाफी पर सवाल पूछने पर कर्नाटक के CM कुमारस्वामी ने कहा कि “मैं मुख्यमंत्री जनता के जनादेश के कारण नहीं बना हु, मैंने राज्य की जनता से स्पष्ट जनादेश की अपील की थी और वो मुझे नहीं मिला. मैं CM CONG के दयाभाव और रहमोकरम पर बना हुआ हु.

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मैं एक स्वतंत्र मुख्यमंत्री नहीं हु. अब मैं यहां CONG की वजह से हूं और इसके लिए मैं कांग्रेस का ऋणी हूं. इसलिए में मुझे अब हर फैसले के लिए कांग्रेस से इजाज़त लेनी पड़ेगी. मैं उनकी मंजूरी के बिना कोई फैसला नहीं लूंगा”

इससे साफ़ पता चलता है कि कुमारस्वामी का जनता के खिलाफ कितना रोष है. क्यूंकि वो जनता के नहीं बल्कि CONG के रहमो करम पर मुख्यमंत्री बने हैं इसलिए वे अब कांग्रेस की सेवा करेंगे न कि जनता की सेवा करेंगे. किसानों के क़र्ज़माफ़ी वाले फैसले पर भी वो अब साफ़ मुकरते हुए दिखाई दे रहे हैं.

अब मेरी भी कुछ मज़बूरियां हैं-

बता दें चुनाव से पहले JDS ने कांग्रेस को जी भर के भ्रष्ट और न जाने कितना भला-बुरा कहा था. साथ ही किसी से भी गठबंधन नहीं करने का वादा किया था और अपने अकेले के दम पर सरकार बनाने की बात कही थी. इस पर पलटी मारते हुए कुमारस्वामी ने आगे कहा “‘कुछ लोग कह रहे हैं कि मैंने किसी भी दल से सहयोग लेने के लिए मना कया था, लेकिन मैं उनसे कहना चाहता हूं कि राजनीति की कुछ अपनी मजबूरियां होती हैं.”

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तो वहीँ अब राजनीति के जानकार बताते हैं कि ऐसा लगता है कर्नाटक का सीएम कोई कांग्रेस का ग़ुलाम बन गया है. कुमारस्वामी के चेहरे पर गठबंधन का दबाव साफ देखा जा सकता है.वह मुख्यमंत्री तो बन गए, लेकिन प्रदेश का शीर्ष पद पाकर भी खुश नहीं हैं. उनके मन में कहीं ना कहीं सबसे छोटी पार्टी होने की टीस है.

कुछ जानकार बताते हैं कि खुद अपनी ही पार्टी और कांग्रेस के दबाव के कारण वह मंत्रिमंडल पर भी कोई फैसला नहीं ले पा रहे हैं. जानकारों का मानना है कि मुख्यमंत्री पर इस तरह का दबाव एक लंबे शासन के लिए अच्छे संकेत नहीं हैं. ऐसे में ये ये 5 साल सरकार नहीं चला पाएंगे.

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बता दें कर्नाटक में कांग्रेस और JDS में मंत्रालय विभागों को लेकर भी बड़ी तनातनी चल रही है. राज्य के मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी ने माना कि कुछ मुद्दे हैं जिसकी वजह से मंत्रियों के विभाग को लेकर कांग्रेस से मतभेद हैं। कुमारस्वामी के शपथ के बाद से ही दोनों दलों के बीच कैबिनेट विस्तार को लेकर रस्सा-कशी शुरू हो गई.

तो वहीँ कुछ दिन पहले कांग्रेस के उप मुख्यमंत्री ने भी बयान दिया था कि कुमारस्वामी को कांग्रेस ने 5 साल के लिए समर्थन नहीं दिया है . कांग्रेस में भी कई मुख्यमंत्री के चेहरे हैं. कांग्रेस कि नज़र अब सीधा सीएम की कुर्सी पर टिक गयी है.

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