कभी कुली तो कभी बस कंडक्टर बेहद संघर्षपूर्ण है साउथ इंडस्ट्री के महान अभिनेता रजनीकांत की जीवन की कहानी, आज हम आपको बताएंगे उनके जीवन के कुछ अनसुने पहलू

साउथ फिल्म इंडस्ट्री में भगवान की तरह पूजे जाने वाले और बॉलीवुड में भी अपनी अलग पहचान बनाने वाले एक्टर रजनीकांत को आज कौन नहीं जानता है. अपनी शानदार एक्टिंग और बेबाक अंदाज के दम पर इस एक्टर ने अभिनय की दुनिया में अपना एक अलग ही मुकाम हासिल कर लिया है.

हम बात करें इनके जीवन की तो साल 1950 में इनका जन्म हुआ था और आज या अभिनेता पूरे 71 वर्ष का है. हम आज आपको रजनीकांत के निजी जीवन के बारे में कुछ बताने जा रहे हैं, कि कैसे उन्होंने कितनी मुश्किलों का सामना करते हुए इस मुकाम को हासिल किया.

बता दे कि अपने जीवन के शुरुआती दिनों में रजनी खंड में काफी मुश्किलों का सामना किया है. इसके पीछे का सबसे बड़ा कारण यह था कि उनका जन्म बेंगलुरु के एक बेहद ही गरीब परिवार में हुआ था और उनके पिता एक हवलदार थे.. अगर इनकी मां की बात करें तो अब जल्द ही इस दुनिया को अलविदा कह दी. रजनीकांत के परिवार में इनके अलावा तीन अन्य भाई-बहन मौजूद थे, जिनका खर्च चलाने के लिए इनके पिता को काफी दिक्कत का सामना करना पड़ता था.

आपको जानकर आश्चर्य होगा लेकिन रजनीकांत का फिल्मी दुनिया में आने से पहले नाम शिवाजीराव गायकवाड था पर बाद में फिल्म जगत में आने के बाद इन्हें रजनीकांत के नाम से पहचान हासिल हुई. हम आपको बता दे की अपने परिवार की आर्थिक स्थिति को देखते हुए उन्होंने बेहद कम उम्र में खोली का काम करना शुरू किया लेकिन कुछ समय बाद भी उन्होंने बढ़ाई के रूप में भी अपना जीवन व्यतीत किया. परिवार की स्थिति थोड़ी सही होने के बाद इन्हें बेंगलुरु परिवहन सेवा में बस कंडक्टर की भी नौकरी मिली थी.

हम आपको बता दें कि रजनीकांत को एक्टिंग में बचपन से ही रुचि थी और जिसके कारण साल 1973 में इन्होंने मद्रास फिल्म संस्थान में एडमिशन लिया और एक्टिंग मैं डिप्लोमा की डिग्री हासिल की. साल 1975 में इनकी मेहनत रंग लाई और इन्हें फिल्म अपूर्वा रागगल में काम करने का अवसर मिला और अपनी पहली मूवी से ही या दर्शकों के दिलों पर राज करने लगे. बॉलीवुड की बात करें तो साल 1993 में आई मूवी अंधा कानून के जरिए इन्होंने हिंदी फिल्म सिनेमा में कदम रखा जिस पर इनकी जोड़ी बॉलीवुड के महानायक अमिताभ बच्चन और अभिनेत्री हेमा मालिनी के साथ नजर आई थी.

इसके बाद रजनीकांत ने अपने जीवन में कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा और उनका करियर आगे बढ़ता गया. वर्तमान की बात करें तो आज रजनी का एक अलग ही मुकाम पर पहुंच चुके हैं जहां पर पहुंचना किसी के बस की बात नहीं है. हम आपको बता दें कि दक्षिण भारत में जब इनकी पिक्चर रिलीज होती है तो उस दिन सार्वजनिक अवकाश घोषित कर दिया जाता है.

आपको बताते चलें कि साल 2014 में रजनीकांत को इंडस्ट्री में अपने योगदान के लिए 6 तमिलनाडु स्टेट फिल्म अवॉर्ड से सम्मानित किया गया था. हम आपको बताते चलें कि रजनीकांत को दादा साहब फाल्के अवार्ड से भी नवाजा जा चुका है.

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