CM Bipple Deb ka Rohing: त्रिपुरा में 25 साल के वामपंथी शासन को मोदी लहर ने ख़त्म किया जिसके बाद मोदी के चहेते बिप्लब देब को CM बनाया गया. साल में एक बार भी जिस त्रिपुरा की खबर मीडिया नहीं दिखाता था आजकल वो मीडिया दिन में दस बार त्रिपुरा CM की खबर दिखा रहा है. कभी महाभारत इंटरनेट को लेकर, कभी गाय पालने तो कभी टैगोर के नोबेल पुरुस्कार लौटाने को लेकर.
CM Bipple Deb ka Rohing
त्रिपुरा में पहली बार बांग्लादेशियों,रोहिंग्या पर एक साथ टूटा कहर
अभी मिल रही ताज़ा खबर के मुताबिक त्रिपुरा में BJP सरकार आते ही सीएम बिप्लब देब धड़ाधड़ एक्शन ले रहे हैं. एक एक रोहिंग्या और बांग्लादेशी पर नकेल कसने का काम तेज़ी से चल रहा है. इन बांग्लादेशियों और रोहिंग्या को वामपंथी सरकार ने वोटबैंक और तुष्टिकरण की राजनीती के लिए घुसवाया था.
संदिग्ध आतंकी संगठन से थे संबंध
त्रिपुरा में कल ही अगरतला के एक रेलवे स्टेशन से संदिग्ध आतंकी संबंध के आरोप में 24 बांग्लादेशी युवकों को आज गिरफ्तार किया गया है. पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि सभी बांग्लादेशियों के पास जाली आधार कार्ड थे और राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) की एक टीम सभी युवकों से पूछताछ के लिए शुक्रवार को गुवाहाटी से यहां आ रही हैं.
MTF के पुलिस अधीक्षक अभिजीत चौधरी ने बताया कि गुप्त सूचना के आधार पर मोबाइल कार्य बल (MTF) के कर्मियों ने रेलवे स्टेशन पर छापा मारा और 24 बांग्लादेशियों को पकड़ लिया. वे त्रिपुरा सुंदरी एक्सप्रेस से दिल्ली से यहां पहुंचे थे.
MTF कर रहा है लगातार धरपकड़
बता दें MTF को बीजेपी सरकार के आते ही एक्टिव कर दिया गया है. MTF राज्य पुलिस का एक खंड है जिसका एक मात्र काम प्रदेश में बांग्लादेशियों और अवैध प्रवासन और अन्य सम्बंधित मसलों को देखना है.
मदरसे ने बना कर दिए थे जाली आधार कार्ड
अभिजीत चौधरी ने बताया ‘उन सभी के पास जाली आधार कार्ड थे. वे पश्चिम बंगाल, उत्तर प्रदेश और तमिलनाडु से जारी हुए थे. हमने आधार कार्ड ऑनलाइन जांचे और पाया कि ये फर्जी हैं. आप जानकार दंग रह जाएंगे उनमें से कुछ के पास हमारे देश के विभिन्न मदरसों ने ही इन बांग्लादेशियों के लिए जाली पहचान पत्र बनाये थे.’ उन्होंने कहा कि हम किसी आतंकी संगठन से उनके संबंधों की आशंका को खारिज नहीं कर सकते हैं.
अवैध पासपोर्ट और बांग्लादेशी पासपोर्ट
आगे और जांच करने पर पता चला कि बांग्लादेशी युवकों के पास वैध पासपोर्ट नहीं था. तीन के पास बांग्लादेशी पासपोर्ट थे जो काफी समय पहले ही समाप्त हो चुके थे. उनकी गिरफ्तारी के बाद DGP ने विभिन्न केंद्रीय और राज्य एजेंसियों से उनसे पूछताछ करने को कहा है.
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