Mamta-Rahul: ममता ने दिखाई राहुल गाँधी को औकात, उनके सपने पर पानी फेर दिया ! आगामी लोकसभा चुनाव को लेकर विपक्ष भले ही एकजुट के कगार पर हो! लेकिन उनकी एकजुटता में PM उम्मीदवार को लेकर बड़ा झोल देखने को मिल सकता है! Rahul Gandhi के बयान पर हर कोई अपनी प्रतिक्रिया देता हुआ नजर आ रहा है! जिससे यह साफ हो रहा है कि सिवाय शिवसेना के कोई औऱ नहीं चाहता है कि Rahul Gandhi पीएम बने! क्योंकि congress अकेले दम पर बहुमत नहीं ला सकती है, ऐसे में पार्टी को समर्थन के साथ ही सरकार बनाना पड़ सकता है! तो चलिए जानते हैं कि हमारे इस report में क्या खास है?
Mamta-Rahul-
Rahul के बयान को लेकर ममता बनर्जी ने एक TV चैनल को इंटरव्यू पर टिप्पणी दी! ममता ने यह साफ कह दिया कि Congress चाहे जितना जोर क्यों न लगा ले! वो कभी भी बहुमत लेकर सत्ता में वापसी नहीं कर सकती है! क्योंकि Congress की पुरानी नीतियों से लोग ऊब चुके हैं, ऐसे में Rahul Gandhi अपने विचार को लेकर भले ही स्वतंत्र हैं! लेकिन की मौजूदा हालात बिना क्षेत्रीय पार्टियों को साथ लिये center तक पहुंचने में सक्षम नहीं है! जिसकी वजह से अब Rahul Gandhi जब भी बयान दे तो गठबंधन को ध्यान में रखते हुए ही बयान दें!
ममता बनर्जी और congress ने अभी खुलकर एक दूसरे को समर्थन देने की बात भले ही न कहीं हो! लेकिन election के बाद नतीजों को देखते हुए ये दोनों पार्टियां भी साथ आ सकती है! ऐसे में ममता बनर्जी अपना एक एक बयान बहुत ही सोच समझकर देती हुई नजर आ रही है! बता दें कि Rahul के दोस्त Akhilesh और ममता की बहुत बनती है, तो ऐसे में सिर्फ अखिलेश के कंधो पर ये सारी जिम्मेदारियां है! कि Akhilesh महागठबंधन को मजबूत कर उसे 2019 में विपक्ष की ताकत को बनाएं!
ममता का बयान राहुल स्वतंत्र हैं
बता दें कि Rahul Gandhi ने कहा था कि अगर कांग्रेस पार्टी सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरती है! तो मैं प्रधानमंत्री बनूंगा! ऐसे में ममता बनर्जी ने कहा कि Rahul gandhi अपने विचार रखने के लिए पूरी तरह से आजाद हैं! लेकिन Rahul को यह ध्यान में रखना चाहिए कि मौजूदा समय में congress पार्टी पूरी तरह से खत्म होने के कगार पर हैं! ऐसे में अब Rahul को इस तरह के बयानबाजी से बचना चाहिए! साथ ही उन्होंने कहा कि अगर गठबंधन की बात होती है, तो यह महागठबंधन के सभी लोग मिलकर तय करेंगे कि PM पद का उम्मीदवार कौन होगा?
और देखें – लखनऊ से आये आंकड़ों को देखकर विरोधियों को तो कुछ समझ ही नहीं रहा!