Price petrol Congress rule: 2004 में पेट्रोल की कीमत 33.71 रुपए प्रति लीटर, 2014 में पेट्रोल की कीमत 72.51 रुपए प्रति लीटर,यानी कांग्रेस सरकार के 10 साल के कार्यकाल में पेट्रोल की कीमत में 38.08 रुपए की बढ़ोतरी हुई और सबसे बड़ी बात ये की कांग्रेस जाते जाते 2014 में इराक का 43000 करोड़ रुपए का कर्ज मोदी सरकार पर छोड़ कर गयी।
Price petrol Congress rule
आओ अब मोदी सरकार के कार्यकाल में बढ़ी तेल की कीमतों पर नजर डाल लें।
2014 में जब मोदी सरकार आई तो पेट्रोल की कीमत 72.51 रुपए/लीटर 2018 में यानी अब पेट्रोल की कीमत-74.63 रुपए लीटर और 2014 से अब तक मोदी सरकार 43000 करोड़ रुपए के कर्ज का 70 फीसदी भुगतान कर चुकी है। जी ध्यान से पढियेगा 43000 करोड़ का 70 फीसदी भुगतान हो चुका है.
यानी 4 साल में इतने बड़े कर्ज चुकाने के बाद भी मात्र 2.12 रुपए की बढ़ोतरी, वजह जानते हो दिमाग के ढक्कन खोलकर गौर करो घोटाले कितने हुए इस बीच काँग्रेस होती तो कर्ज चुकाने तो दूर उतना ही कर्जा और हो चुका होता और तेल कहि 85 से 90रुपये/लीटर.
काँग्रेस का कर्ज आंकड़ो में
जो 43000 हजार करोड़ के साथ 38.08 रुपए की बढ़ोतरी सहन कर गए अब उनको सारा कर्ज चुकाने के बाद भी 2.12 रुपए की हल्की सी बढ़ोतरी चुभ रही है। अगर हमारे अनुमानित आंकड़ो पर किसी को कोई शंका है तो पेट्रोलियम मंत्रालय में आपका सूचना का अधिकार सुरक्षित है। कृपया वैश्विक कच्चे तेल की प्रति बैरल घटी कीमत को इंगित न करें।
क्योंकि इसी घटी कीमत की बदौलत ही मोदी सरकार ने जनता पर कोई अतिरिक्त बोझ डाले बिना पिछली सरकार का इराक पर हुए कर्ज को उतारा है।
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