जब शरीर के अंदर पेनक्रियाज इंसुलिन हार्मोन का उत्पादन करना कम कर दे या फिर बंद कर दे तो इसके कारण लोग डायबिटीज यानी कि मधुमेह जैसी बीमारी की चपेट में आ जाते हैं! ऐसे में डायबिटीज एक मेटाबॉलिक डिसऑर्डर है जिसमें ब्लड शुगर लेवल अनियंत्रित रूप से घटता बढ़ता रहता है वहीं ब्लड में ग्लूकोज का स्तर बढ़ने से हार्ट डिसीज मल्टीपल ऑर्गन फैलियर किडनी फेलियर और स्ट्रोक की भी जाती है इसलिए डायबिटीज रोगियों को अपना ब्लड शुगर लेवल काबू में रखने की बेहद आवश्यकता होती है!
वहीं अगर हर एक्सप्रेस की मानी जाए तो दबाव के साथ-साथ कुछ शो के जरिए भी बदल शुगर लेवल को काबू में किया जा सकता है इतना ही नहीं बल्कि खून में ग्लूकोज के स्तर को कंट्रोल करने में हल्दी बेहद ही ज्यादा कारगर सिद्ध होती है!
दरअसल हल्दी के अंदर औषधीय गुण पाए जाते हैं और इसका इस्तेमाल सदियों से आयुर्वेद चिकित्सा पद्धति में होता ही आ रहा है ना यह केवल खाने के रंग बल्कि स्वाद को बढ़ाती हैं बल्कि कई तरीके की स्वास्थ्य समस्याओं को भी दूर दूर करती है हल्दी के अंदर फाइबर आयरन विटामिन सी और एंटीऑक्सीडेंट की अच्छी खासी मात्रा पाई जाती हैं यह न केवल शरीर की इकोबूस्ट करती है बल्कि मेटाबॉलिज्म को भी बना देती हैं इसके अलावा डायबिटीज के मरीजों में हल्दी शुगर लेवल को भी नियंत्रण करते हैं डायबिटीज के मरीज हल्दी का 2 तरीके से सकते हैं!
हल्दी के साथ आंवले का सेवन करने से ब्लड शुगर लेवल कंट्रोल में रहता है। पोषक गुणों से भरपूर आंवले में क्रोमियम की महत्वपूर्ण मात्रा होती है, जो कार्बोहाइड्रेट को पचाने और कोलेस्ट्रॉल के स्तर को नियंत्रित करने में मदद करता है। नियमित रूप से हल्दी और आंवले का सेवन करने से रक्त में ग्लूकोज का स्तर नियंत्रण में रहता है।
वही हल्दी के साथ अदरक का सेवन करने से भी ब्लड शुगर लेवल नियंत्रित रहता है इसके लिए आपको एक गिलास हल्दी वाले दूध में अदरक मिलाकर सेवन करने से रक्त शर्करा का स्तर कामों में आ जाता है ऐसे में डायबिटीज के मरीजों को नियमित तौर पर हल्दी और अदरक का सेवन करना चाहिए!