जैसा कि आपने ऊपर टाइटल तो पढ़ लिया होगा तो जाहिर सी बात है हम उसी के बारे में बात करने वाले हैं वहीं आज केस मॉडर्न जमाने में भी लोग बता के बारे में कभी भी खुलकर बात नहीं कर पाते हैं वहीं महिलाएं ब्रा क्यों पहनती है इसको लेकर दुनियाभर में अलग-अलग प्रकार तर्क दिए जाते रहे हैं और कई बार ब्रा नहीं पहनने की सलाह तक दी जाती है जैसे ब्रेस्ट कैंसर डे पर आमतौर पर या फिर सोते समय या जब भी आप घर पर हो लेकिन ऐसा माना भी जाता है कि ब्रा से ब्रेस्ट कैंसर होने का खतरा बढ़ जाता है तो वही बड़ा पहनने को लेकर यह भी माना जाता है कि इससे बॉडी शेप सही रहती है!
वही आज मार्केट के अंदर ब्रा की वैरायटी भी काफी ज्यादा मौजूद है आज महिलाओं के कपड़ों का जरूरी हिस्सा बड़ा बन चुका है हालांकि इसके बावजूद भी महिला संगठन फेमिनिज्म के नाम पर ब्रा का विरोध करते आए हैं तो वही अपने ही देश में आज भी महिलाएं अपने अंडर गारमेंट कपड़ों के नीचे ही रखकर सुख आती है इतना ही नहीं बल्कि समाज के अंदर ब्रा की समस्या के बारे में लोग बात तक नहीं करना चाहते! समय के साथ-साथ बहुत बड़े तो हो गए हैं लेकिन आज भी समाज में ब्रा स्ट्रैप का दिखना एक बड़ा मुद्दा बन जाता है वही आज हम आपको इस आर्टिकल के अंदर इसके कुछ इतिहास और इससे जुड़ी हुई कई इंटरेस्टिंग फैक्ट के बारे में बताने वाले हैं शायद ही जिसके बारे में आप जानते हो-
इसकी शुरुआत कैसे हुई?
दरअसल ब्रा की शुरुआत सबसे पहले मिश्र से हुई थी यहाँ की महिलाएं सदियों पहले से ही ब्रा पहनती आई है वहीं कुछ फैक्स यह बताते हैं कि प्राचीन मिस्र में रहने वाली महिलाएं चमड़े की ब्रा पहना करती थी और चमड़े की कोई भी चीज बॉडी के सॉफ्ट पार्ट पर पहनना कितना मुश्किल हो सकता है यह तो हर कोई समझ नहीं सकता है!
समय के साथ साथ होते गए कई बदलाव
वहीं करीब 17 से 18 वीं शताब्दी तक आते-आते सफेद अंडर गारमेंट्स चलन में आ गया था यह दिखने में तो बिल्कुल कमी जैसा था इसलिए इस अंडर गारमेंट को बढ़ा नहीं कहा जा सकता था वहीं करीब 1890 के दौरान कई देशों की महिलाओं ने कोर्सेट पहनना शुरू कर दिया था जो देखने में किसी जैकेट की तरह लगता था वहीं इस अंडर गारमेंट में पीछे डोरिया दी जाया करती थी जिसे पहनते समय अच्छे से कहा जाता था वही उस समय कोर्सेट पहनने से महिलाओं के शरीर को काफी नुकसान पूछता था कि डॉक्टर ने इस ब्रा को ना पहनने की सलाह तकलीफ दे दी मना तो ऐसा जाता है कि कोर्सेज पहने की वजह से सांस फूलने पेट में गड़बड़ मंगल रानी जैसी दिक्कतें आती थी!
ऐसे हो गई थी मॉडर्न ब्रा की शुरुआत
मॉडर्न ब्रा का अविष्कार साल 1889 में हुआ था। अगर आप मॉडर्न ब्रा को गूगल पर सर्च करेंगे तो एक नाम जरूर आएगा और वो है फ्रांस की रहने वाली हरमिनी कैडोल। हरमिनी कडोले ने ही आधुनिक ब्रा बनाई थी। जिसके बाद उन्हें कॉर्सेलेट जॉर्ज का नाम दिया गया। इस ब्रा को पहनना बहुत ही आसान था, साथ ही महिलाओं को इसे पहनने में ज्यादा समय भी नहीं लगता था। बदलते समय के साथ ब्रा का रंग भी बदला और इसे पहले से भी ज्यादा खूबसूरत बनाया गया। 1940 के बाद नायलॉन के कपड़े से ब्रा बनाई जाने लगी, जिससे अंडरगारमेंट्स हल्के होने लगे। यही कारण था कि इस समय तक कई महिलाओं ने ब्रा को अपना लिया और उन्हें अपने जीवन में शामिल कर लिया।
हुआ था विरोध
वर्ष 1907 में, प्रसिद्ध फैशन पत्रिका ‘वोग’ ने ब्रासीयर शब्द को लोकप्रिय बनाने में एक भूमिका निभाई, जिसका अर्थ ऊपरी शरीर का कपड़ा होता है। आपको बता दें कि Brassiere संक्षिप्त रूप है। ब्रॉक के आने के तुरंत बाद इसका विरोध भी शुरू हो गया। जिसके बाद नारीवादी संगठनों ने ब्रा के नुकसान को लेकर आगाह किया।