यूपी पुलिस के पुलिस महानिदेशक (DGP) द्वारा एक सर्कुलर जारी किया गया था, जिसमें पुलिस बल में दाढ़ी रखने पर प्रति बंध लगा दिया गया था। डीजीपी द्वारा सर्कुलर जारी होने के बाद भी अयोध्या के एक थाने में तैनात सिपाही ने दाढ़ी रखी थी. आदेश का पालन नहीं करने पर आरक्षक को निलंबित करते हुए पुलिस विभाग की ओर से चार्जशीट जारी कर दी गई है. तब कांस्टेबल ने निलंबन को हाईकोर्ट में चुनौती दी थी।
निलंबित कांस्टेबल की याचिका पर सुनवाई करते हुए इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने अपना फैसला सुनाया है. इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने इस मामले में अपने फैसले में कहा है कि पुलिस बल में दाढ़ी रखना संवैधानिक अधिकार नहीं है.
कोर्ट ने यूपी पुलिस में दाढ़ी रखने पर रोक के खिलाफ दायर याचिका को खारिज कर दिया है. हाईकोर्ट ने याचिका दायर करने वाले कांस्टेबल के खिलाफ जारी निलंबन आदेश और चार्जशीट में दखल देने से भी इनकार कर दिया. गौरतलब है कि यूपी पुलिस ने अयोध्या के खंडासा थाने में तैनात सिपाही मोहम्मद फरमान को दाढ़ी न रखने के आदेश की अवहेलना करने पर निलंबित कर दिया था. इसके साथ ही यूपी पुलिस की ओर से फरमान के खिलाफ चार्जशीट भी जारी की गई थी.
इस आदेश को हाईकोर्ट में चुनौती दी गई थी। डिक्री की ओर से अदालत में धार्मिक स्वतंत्रता के अधिकार का तर्क दिया गया। याचिकाकर्ता की ओर से कहा गया कि संविधान द्वारा दिए गए धार्मिक स्वतंत्रता के अधिकार के तहत उन्होंने इस्लाम के सिद्धांतों के अनुसार दाढ़ी रखी है. कोर्ट ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद यह भी कहा कि पुलिस बल अनुशासित हो और उसकी छवि धर्मनिरपेक्ष हो. एसएचओ की चेतावनी के बावजूद दाढ़ी नहीं क टवाकर फरमान ने अनुशासन तोड़ा है.
सोशल मीडिया पर हम लोग नामक सोशल मीडिया के अकाउंट में इस खबर को दोबारा से शेयर किया है! उन्होंने लिखा है कि मिलाड साहब कई बार बहुत अच्छी बात कर देते हैं पुलिस फोर्स में दाढ़ी रखना संवैधानिक अधिकार नहीं!