असम के मुख्यमंत्री ने असम के सबसे बड़े नागरिक सम्मान "असम वैभव" से उद्योगपति रतन टाटा को किया सम्मानित। pic.twitter.com/T2keO94syn
— Panchjanya (@epanchjanya) February 17, 2022
असम सरकार ने अपने सर्वोच्च नागरिक सम्मान के लिए विभिन्न क्षेत्रों से 19 लोगों का चयन किया था। इसमें कोरोना काल के फ्रंटलाइन वर्कर्स के साथ-साथ उद्यमी भी शामिल थे. हर साल असम दिवस के अवसर पर, असम सरकार समाज के प्रति बेहतर काम करने के लिए अलग-अलग लोगों को तीन प्रकार के पुरस्कारों से सम्मानित करती है। इनमें असम वैभव के साथ असम गौरव और असम सौरभ सम्मान शामिल हैं।
इस साल सरकार ने 5 लोगों को असम वैभव सम्मान देने का फैसला किया है. इसके अलावा 13 हस्तियों को असम गौरव सम्मान के लिए चुना गया था। हालांकि, हर साल किसी न किसी कारण से पुरस्कारों के चयन के तरीके और चयन में थोड़ा बदलाव होता नजर आ रहा है। यह पुरस्कार अगले साल लोगों की सिफारिश पर दिया जाएगा और सरकार जल्द ही इसके लिए एक पोर्टल शुरू करेगी।
]]>टाटा संस ने जीती एयर इंडिया की बिडिंग।
— Panchjanya (@epanchjanya) October 1, 2021
वही न्यूज़ एजेंसी एनआईए ने सूत्रों के हवाले से यह बताया है कि टाटा ने सबसे ऊंची बोली लगाई है जिसके चलते टाटा को एयर इंडिया खरीदने में जीत भी हासिल हो गई है तो वहीं केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के नेतृत्व वाले मंत्री लेवल के पैनल ने इस बोली को मंजूरी दे दी है!
Tata Sons wins the bid for national carrier Air India. Tata Sons was the highest bidder. Union Home Minister Amit Shah-led ministerial panel has given approval to this bid: Sources pic.twitter.com/99OdR9LXCA
— ANI (@ANI) October 1, 2021
एयर इंडिया के लिए टाटा ग्रुप और स्पाइसजेट ने बोली लगाई थी लेकिन टाटा ग्रुप के साथ ही यह डील पक्की हो चुकी है खबर तो यह भी आ रही है कि टाटा को दिसंबर तक एयर इंडिया का मालिकाना हक भी मिल जाएगा!
वही आपको बता दें कि टाटा को 28 साल के बाद एयर इंडिया मिल रही है! दरअसल एयर इंडिया पहले टाटा ग्रुप की कंपनी हुआ करती थी जिसकी स्थापना जेआरडी टाटा ने साल 1932 में की थी! लेकिन 1947 में आजादी मिलने के बाद इसका राष्ट्रीयकरण कर दिया गया तो टाटा एयरलाइंस ने इसके 49% शेयर खरीद लिए!
वहीं साल 1953 में सरकार ने इस कंपनी के फाउंडर जेआरडी टाटा के मालिकाना हक को खरीद लिया था जिसके बाद कंपनी का नाम एयर इंडिया इंटरनेशनल लिमिटेड कर दिया गया था और अब 68 साल के बाद इस कंपनी का मालिकाना हक फिर से टाटा ग्रुप के पास आ रहा है!
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