यही नजारा राहुल गांधी के विपक्ष की बैठक में भी देखने को मिला और आज भी देखने को मिला. दरअसल, खड़गे और राहुल गांधी ने मिलकर विपक्ष के नेताओं को अपने कार्यालय में चाय के लिए आमंत्रित किया। इस बैठक में सिर्फ 14 विपक्षी दलों के नेता मौजूद थे.
बसपा सुप्रीमो मायावती और आम आदमी पार्टी के अरविंद केजरीवाल ने राहुल और खड़गे की बैठक में अपने किसी नेता को नहीं भेजा. इस बैठक में कांग्रेस की ओर से राहुल गांधी, खड़गे और अधीर रंजन चौधरी मौजूद थे.
इनके अलावा डीएमके, एसपी, शिवसेना, नेशनल कॉन्फ्रेंस, सीपीएम, सीपीआई, टीएमसी, राजद, मुस्लिम लीग, आरएसपी, वीसीके, केरल कांग्रेस (मणि) और एलजेडी के नेता मौजूद थे। इससे पहले हुई दो बैठकों के उलट यहां केजरीवाल और मायावती की पार्टी का कोई नहीं था.
बता दें कि केजरीवाल की पार्टी पंजाब में कांग्रेस और बीजेपी के खिलाफ चुनावी मैदान में उतरने जा रही है. मायावती भी यूपी में ऐसा ही कर रही हैं. ऐसे में मोदी के खिलाफ विपक्ष की एकता पर दो दलों को ग्रहण लग गया है.
वहीं विपक्ष के नेता होने के दावे में राहुल को ममता बनर्जी ने भी चुनौती दी है. खड़गे ने पिछले दिनों इस बारे में पूछे जाने पर कहा था कि मोदी को हटाने के लिए पहले विपक्ष को एकजुट होना चाहिए, उसके बाद नेता भी तय किया जाएगा.
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