courts – Nithalla Gyan Media https://nithalla.com Bollywood News Fri, 13 Aug 2021 07:14:31 +0000 en-US hourly 1 https://wordpress.org/?v=6.7.1 भारत के पहले वकील जोकि हिंदी या अंग्रेजी में नहीं बल्कि “संस्कृत” में देते हैं अपनी दलील, जज भी है हैरान….. https://nithalla.com/1304/acharya-shyam-upadhyay-has-been-doing-all-his-work-in-sanskrit-language-for-almost-42-years/ https://nithalla.com/1304/acharya-shyam-upadhyay-has-been-doing-all-his-work-in-sanskrit-language-for-almost-42-years/#respond Fri, 13 Aug 2021 07:14:31 +0000 https://nithalla.com/?p=1304 भाषा एक ऐसी पद्धति है जिसके बिना हम कोई भी काम पूरा नहीं कर सकते हैं! और भाषा के बिना ना ही हम अपनी भावनाओं को दूसरों को बता सकते हैं कुछ इसी तरीके की एक भाषा है संस्कृत जो कि दुनिया में सबसे प्राचीन है जिसको देववाणी अथवा सुरभारती भी कहा जाता है जबकि तेजी से बदलते हुए दुनिया के समावेश में संस्कृत भाषा की पहचान लगातार कम होती जा रही है संविधान की आठवीं अनुसूची में दर्ज 22 भाषाओं में अब संस्कृत की पहचान सबसे कम बोली जाने वाली भाषाओं के रूप में है!

वही आपको बता दें कि संस्कृत जो कि आज के समय में काफी कम बोले जाते हैं इस भाषा को फिर से बोलचाल की भाषा बनाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी के एक वकील ने कई दशकों से एक अनोखी मुहिम छेड़ रखी है! यह तो हम सब जानते हैं कि देशभर की अदालतों में ज्यादातर अंग्रेजी भाषा और हिंदी का ही उपयोग किया जाता है लेकिन वाराणसी के यह वकील जो की अदालत से जुड़े हुए हर कामकाज में केवल संस्कृत में करते हैं वही संस्कृत जो दुनिया की सबसे प्राचीन भाषाओं में से है! दरअसल जिस वकील के बारे में हम बात कर रहे हैं उनका नाम आचार्य श्याम उपाध्याय हैं!

आचार्य करीब 42 सालों से अपना सारा कामकाज संस्कृत भाषा में ही करते आए हैं यहां तक कि वह अपने पत्र लिखने से लेकर अदालत में जज के सामने बहस तक के लिए संस्कृत भाषा का इस्तेमाल करते हैं! श्याम उपाध्याय संस्कृत भाषा से लगाव के पीछे की वजह अपने पिता को बताते हैं यह वकील बचपन से ही इस बात को लेकर काफी परेशान रहा करते थे कि अदालत का कोई भी काम संस्कृत भाषा में नहीं होता है और सातवीं कक्षा में पढ़ाई के दौरान उन्होंने यह ठान लिया था कि वह वकील बनेंगे और अदालत में संस्कृत भाषा का इस्तेमाल करेंगे!

ऐसे में अपने शुरुआती दौर में जब आचार्य के कागजात संस्कृत में लिखकर जज के सामने रखा करते थे तो जज भी हैरान हो जाया करते थे वाराणसी की अदालत में आज भी जब भी कोई नया जा जाता है तो श्याम उपाध्याय की भाषा शैली देखकर काफी हैरान रह जाता है आपकी जानकारी के लिए बता दें कि वकील साहब काले रंग का कोट पहनने के साथ-साथ माथे पर रिपोर्ट और तिलक भी लगाते हैं यह वकील अपने पास आए सभी मामलों को लेकर लोगों को भी बड़ी सहजता से संस्कृत भाषा में ही समझाते हैं!

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