भूलकर भी महिलाओं के बाल ना पकड़े ना खींचे वार्ना हो जायेगा वंश नाश, जाने क्या है इसके पीछे का रहस्य !
Uncategorizedमहिलाओं के बालों पर न डालें हाथ, हो जाएगा वंश का नाश… हिंदू शास्त्रों में महिलाओं के बालों से संबंधित बहुत से वृतांत मिलते हैं.
केश महिलाओं का श्रृंगार होते हैं जो उनकी खूबसूरती को बयां करते हैं. किसी खास अवसर पर ही महिलाएं बाल खोलती थीं, अधिकतर उन्हें बांध कर रखा जाता था क्योंकि खुले बाल शोक की निशानी माने जाते थे. आज भी हिंदू धर्म में कोई भी शुभ काम होने जा रहा हो तो महिलाएं अपने बाल व्यवस्थित रूप से बांध कर रखती हैंं.
मंदिर में भी खुले बाल रखना अशुभ माना जाता है, जो लड़कियां फैशन की आड़ में बालों को खुला रखती है उन पर नकारात्मक शक्तियां अपना प्रभाव शीघ्र डालती हैं.
हमारे हिन्दू धर्मशास्त्रों में ऐसा लिखा है की कभी भी किसी स्त्री के बाल है पकड़ने चहिये क्यूंकि इससे आपके वंश का नाश हो सकता है. लम्बे और खूबसूरत बाल महिलाओं के सुंदरता में चार चाँद लगाने के लिए होता हैं ना की उन्हें दण्डित करने के लिए.
इसके अलावा महिलाओँ को अपने बालों को हमेशा बाँध कर ही रखने की बात की गयी है. आज हम आपको बताने जा रहे हैं की आखिर क्यों धर्मशास्त्रों में महिलाओं के बाल को न पकड़ने की सलह दी गयी है और क्यों महिलाओं को अपने बाल खुले नहीं छोड़ने.
हमारे धर्मशास्त्रों की माने तो पुराने काल में महिलाएं खुले बाल तभी रखती थी जब वो किसी के लिए शोक कर रही होती थी. रामायण काल में जब सीता जी का विवाह राम जी से हो रहा था तो सीता जी माँ ने उनका बाल बांधते हुए उनसे कहा था की कभी भी अपने बाल खुले मत छोड़ने.
https://youtu.be/buPryv9Kn5Y
बंधे हुए बाल रिश्तों को भी बाँध कर रखता है जबकि खुले बाल केवल एकांत में अपने पति के सामने ही रखना. अधिक जानकारी के लिए देखें नीचे दी गई वीडियो. अगर किसी वजह से वीडियो न चले तो वीडियो देखने के लिए यहाँ क्लिक करें !